बेंगलुरू टेस्ट का परिणाम चार दिन में निकल आया था और टीम इंडिया ने जीत हासिल की थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पुणे के बाद बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच भी भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड का दिल नहीं जीत पाई है. इंग्लैंड के पूर्व ओपनर और मौजूदा सीरीज में मैच रैफरी की भूमिका निभा रहे ब्रॉड ने बेंगलुरू में खेले गये दूसरे टेस्ट मैच की पिच को ‘औसत से निम्न श्रेणी’ की करार दिया. इससे पहले वह पुणे की पिच को खराब बता चुके थे. जहां पुणे में हुए सीरीज के पहले टेस्ट को ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 333 रन से जीता था वहीं बेंगलुरू में विराट कोहली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया ने 75 रन से जीत हासिल की है. चार टेस्ट मैचों की सीरीज इस समय 1-1 की बराबरी पर है.
सीरीज का तीसरा टेस्ट गुरुवार से रांची में शुरू होगा. ईएसपीएन क्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार ब्रॉड ने पिच को औसत से निम्न श्रेणी की करार दिया जबकि आउटफील्ड को बहुत अच्छा बताया. रिपोर्ट के अनुसार ब्रॉड ने इस आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि पिच में असमान उछाल थी. इसके अनुसार, ‘औसत से निम्न श्रेणी की रेटिंग भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लिए थोड़ी शर्मिंदगी का कारण हो सकती है लेकिन इसके लिये उसे किसी तरह का जुर्माना नहीं भरना होगा. इसे ‘खराब’ या ‘खेलने के योग्य नहीं’ से बेहतर माना जाता है जिनके लिये आईसीसी भारी जुर्माना लगा सकती है.
’इससे पहले, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने कड़ी रिपोर्ट देते हुए क्यूरेटर दलजीत सिंह के मार्गदर्शन में पुणे में बनी पिच को ‘खराब’ करार दिया था. पुणे में पहली बार हुए इस टेस्ट मैच में गेंदबाजों का इस कदर वर्चस्व रहा कि तीन दिन में कुल 40 विकेट गिरे. पुणे टेस्ट में गेंदबाजों का इस कदर वर्चस्व रहा था कि मैच महज तीन दिन में खत्म हो गया था. इससे पहले भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच नवंबर 2015 में नागपुर में हुए तीसरे टेस्ट की पिच को भी आईसीसी मैच रैफरी जैफ क्रो ने ‘खराब’ करार दिया था. यह पिच भी दलजीत के मार्गदर्शन में तैयार की गई थी. (भाषा से भी इनपुट)
सीरीज का तीसरा टेस्ट गुरुवार से रांची में शुरू होगा. ईएसपीएन क्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार ब्रॉड ने पिच को औसत से निम्न श्रेणी की करार दिया जबकि आउटफील्ड को बहुत अच्छा बताया. रिपोर्ट के अनुसार ब्रॉड ने इस आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है कि पिच में असमान उछाल थी. इसके अनुसार, ‘औसत से निम्न श्रेणी की रेटिंग भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लिए थोड़ी शर्मिंदगी का कारण हो सकती है लेकिन इसके लिये उसे किसी तरह का जुर्माना नहीं भरना होगा. इसे ‘खराब’ या ‘खेलने के योग्य नहीं’ से बेहतर माना जाता है जिनके लिये आईसीसी भारी जुर्माना लगा सकती है.
’इससे पहले, इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने कड़ी रिपोर्ट देते हुए क्यूरेटर दलजीत सिंह के मार्गदर्शन में पुणे में बनी पिच को ‘खराब’ करार दिया था. पुणे में पहली बार हुए इस टेस्ट मैच में गेंदबाजों का इस कदर वर्चस्व रहा कि तीन दिन में कुल 40 विकेट गिरे. पुणे टेस्ट में गेंदबाजों का इस कदर वर्चस्व रहा था कि मैच महज तीन दिन में खत्म हो गया था. इससे पहले भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच नवंबर 2015 में नागपुर में हुए तीसरे टेस्ट की पिच को भी आईसीसी मैच रैफरी जैफ क्रो ने ‘खराब’ करार दिया था. यह पिच भी दलजीत के मार्गदर्शन में तैयार की गई थी. (भाषा से भी इनपुट)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
भारतvsऑस्ट्रेलिया, बेंगलुरू टेस्ट, पिच, पुणे टेस्ट, औसत से खराब, क्रिस ब्रॉड, INDvsAUS, Bengaluru Test, Pune Test, Below Average, Chris Broad