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This Article is From Feb 22, 2013

चेन्नई टेस्ट : अश्विन की फिरकी के तूफान से टीम को निकाल ले गए क्लार्क

चेन्नई टेस्ट : अश्विन की फिरकी के तूफान से टीम को निकाल ले गए क्लार्क
चेन्नई: 'लोकल बाय' रविचंद्रन अश्विन (88/6) ने घातक गेंदबाजी करते हुए एमए चिदम्बरम स्टेडियम में शुक्रवार को शुरू हुए पहले टेस्ट मैच में 153 रनों के कुल योग पर पांच विकेट झटककर ऑस्ट्रेलिया के पांव उखाड़ दिए थे लेकिन कप्तान माइकल क्लार्क (नाबाद 103) और मोएसिस हेनरिक्स (68) की साहसिक पारियों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने दिन की समाप्ति तक पहली पारी में सात विकेट पर 316 रन बनाकर खुद को संतोषजनक स्थिति में पहुंचा लिया है।

भारत में अपना दूसरा शतक लगाने वाले क्लार्क और करियर का पहला टेस्ट खेल रहे हेनरिक्स ने छठे विकेट के लिए 151 रन जोड़कर अपनी टीम को सस्ते में समेटने के अश्विन के मंसूबे को नाकाम साबित किया। भारत ने अंतिम पहर में दो विकेट लेकर अपनी दुखती रग को थोड़ा आराम पहुंचाया लेकिन 153 रनों के कुल योग पर पांच विकेट झटकने के बाद मेहमानों को सस्ते में न समेट पाने का मलाल उसे हमेशा रहेगा।

इस मलाल के पीछे हेनरिक्स और क्लार्क हैं। हेनरिक्स 153 रनों के कुल योग पर क्लार्क का साथ नभाने आए थे। हेनरिक्स जिस वक्त विकेट पर आए थे, उस समय उनकी टीम की हालत बेहद खस्ता थी। ऑस्ट्रेलिया ने अपने पांच विकेट महज 153 रनों पर गंवा दिए थे।

ऐसा लग रहा था कि उनकी टीम पूरे 90 ओवर भी नहीं खेल पाएगी लेकिन हेनरिक्स ने अपने कप्तान का बखूबी साथ निभाते हुए एक परिपक्व पारी खेली और खुद को एक बेहतरीन हरफनमौला खिलाड़ी के तौर पर सही साबित करने की ओर बड़ा कदम बढ़ाया।

क्लार्क ने अपनी 169 गेंदों की कप्तानी पारी में 11 चौके और एक छक्का लगाया। जबकि हेनरिक्स ने 132 गेंदों पर पांच चौके लगाए। हेनरिक्स का विकेट 304 रनों के कुल योग पर गिरा। उन्हें अश्विन ने आउट किया। अश्विन का यह छठा शिकार था। मिशेल स्टार्क (3) रवींद्र जडेजा की गेंद पर 307 रनों के कुल योग बोल्ड हुए। पीटर सिडल एक रन पर नाबाद लौटे।

अपनी 103 रनों की असाधारण पारी के दौरान क्लार्क ने टेस्ट मैचों में 7000 रन पूरे किए। अपनी इस पारी के दौरान 11 रन बनाने के साथ ही उन्होंने यह आंकड़ा छुआ। वह इस मुकाम पर पहुंचने वाले विश्व के 42वें और ऑस्ट्रेलिया के 10वें बल्लेबाज हैं।

यही नहीं, क्लार्क ने अपने करियर का 23वां और भारत में अपना दूसरा शतक पूरा किया। इससे पहले क्लार्क ने 2008 में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर 112 रनों की पारी खेली थी। भारत के खिलाफ यह उनका छठा शतक है।

अश्विन ने अपनी घरेलू पिच पर चायकाल के बाद ही 153 रनों के कुल योग पर पांच विकेट झटककर मेहमान टीम को बैकफुट पर धकेल दिया था लेकिन क्लार्क और हेनरिक्स ने अपनी टीम को मुश्किल से उबारने का काम किया। टेस्ट मैचों में अश्विन ने छठी बार पारी में पांच विकेट लिए हैं।

अश्विन ने भोजनकाल से पहले भी मेहमान टीम को पटरी से उतराने का प्रयास किया था। वह अपने प्रयास में काफी हद तक सफल भी रहे थे लेकिन शेन वॉटसन (28) और डेविड वार्नर (59) ने उनके इस प्रयास को पूरी तरह सफल नहीं होने दिया था।

ऑस्ट्रेलिया ने एक समय 72 रन के कुल योग पर दो विकेट गंवा दिए थे लेकिन वार्नर और वॉटसन ने भोजनकाल तक स्कोर को दो विकेट पर 126 रनों तक पहुंचा दिया था।

भोजनकाल के बाद अश्विन ने 28 के निजी और 126 के कुल योग पर वॉटसन को पगबाधा आउट किया। वॉटसन ने 60 गेंदों पर तीन चौके लगाए। इसके बाद 131 रन के कुल योग पर अश्विन ने वार्नर को चलता किया।

वार्नर ने अपनी 59 रनों की पारी में 93 गेंदों का सामना कर छह चौके लगाए। वार्नर और वॉटसन ने तीसरे विकेट के लिए 54 रन जोड़े। इसके बाद अश्विन ने 153 के कुल योग पर विकेटकीपर बल्लेबाज मैथ्यू वेड (12) को आउट कर मेहमान टीम को पांचवां झटका दिया।

वेड और क्लार्क के बीच पांचवें विकेट के लिए 22 रनों की साझेदारी हुई।

इससे पहले, एड कोवान (29) और वार्नर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी कर रही अपनी टीम को अच्छी शुरुआत दिलाते हुए पहले विकेट के लिए 64 रन जोड़े। लेकिन कोवान को अश्विन ने अपनी एक फिरकी पर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों स्टम्प करा दिया। कोवान ने 45 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके और एक छक्का लगाया।

इसके बाद 72 रन के कुल योग पर अश्विन ने आस्ट्रेलिया को एक और तगड़ा झटका देते हुए अच्छी लय में चल रहे फिलिप ह्यूज को बोल्ड कर दिया। ह्यूज सिर्फ छह रन बना सके।

ऑस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी हेनरिक्स और भारत के गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने इस मैच के साथ अपने टेस्ट करियर का आगाज किया। जबकि भारत के स्टार स्पिनर हरभजन सिंह 100वां टेस्ट खेल रहे हैं। हरभजन 100 या उससे अधिक टेस्ट खेलने वाले 10वें भारतीय हैं।

दक्षिण एशिया में क्रिकेट का प्रमुख गढ़ माने जाने वाले चिदम्बरम स्टेडियम में भारत का रिकार्ड शानदार रहा है। उसने बीते 28 साल में इस मैदान पर सिर्फ एक टेस्ट मैच (1999, पाकिस्तान के खिलाफ) गंवाया है।

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