कार्डिफ:
मैन ऑफ द मैच इशांत शर्मा (33/3) और रविचंद्रन अश्विन (48/3) की उम्दा गेंदबाजी और शानदार फार्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (68) के नेतृत्व में अपने बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय क्रिकेट टीम ने गुरुवार को सोफिया गार्डन्स मैदान पर खेले गए दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में श्रीलंका पर आठ विकेट की एकतरफा जीत के साथ चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है। लंदन में 23 को होने वाले खिताबी मुकाबले में उसका सामना इंग्लैंड से होगा।
कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (51) के संघर्षपूर्ण अर्द्धशतक की बदौलत श्रीलंका ने भारत के सामने 182 रनों का लक्ष्य रखा, जिसे उसने धवन, रोहित शर्मा (33) और विराट कोहली (नाबाद 58) की शानदार पारियों की बदौलत 35 ओवरों में दो विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।
धवन ने अपनी 92 गेंदों की पारी में छह चौके और एक छक्का लगाया जबकि कोहली ने 64 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाया। रोहित का विकेट 77 रन के कुल योग पर गिरा। रोहित ने 50 गेंदों पर चार चौके लगाए।
मैथ्यूज ने उनका विकेट लिया। धवन का विकेट 142 रनों के कुल योग पर गिरा। धवन को जीवन मेंडिस ने आउट किया। धवन और कोहली के बीच 65 रनों की साझेदारी हुई। सुरेश रैना सात रनों पर नाबाद लौटे। रैना और कोहली ने तीसेर विकेट के लिए 19 गेंदों पर 40 रन जोड़े।
इससे पहले, टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका की शुरुआत खराब रही और भारतीय गेंदबाज उस पर पूरे मैच के दौरान हावी रहे तथा श्रीलंका निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट पर 181 रन बना सकी।
श्रीलंका ने तीसरे ओवर की चौथी गेंद पर कुशल परेरा (4) के रूप में पहला विकेट छह रन के कुल योग पर गंवा दिया। परेरा के बाद पांचवें ओवर की तीसरी गेंद पर तिलकरत्ने दिलशान के 12 को निजी योग पर रिटायर्ड होने से श्रीलंका की चिंता बढ़ गई।
दिलशान के जाने के बाद श्रीलंका के लिए अगले लगभग 11 ओवर बहुत मुश्किल भरे रहे तथा भारतीय गेंदबाजों ने जैसे श्रीलंकाई बल्लेबाजों को बांध सा दिया। दूसरे विकेट की साझेदारी में कुमार संगकारा (17) के साथ लाहिरू थिरिमाने 65 गेंदों में मात्र 19 रन ही जोड़ सके।
थिरिमाने 16वें ओवर की दूसरी गेंद पर सुरेश रैना को कैच थमाकर चलते बने। थिरिमाने को कैच आउट करवाने वाले ईशांत शर्मा ने अपने अगले ही ओवर में संगकारा को भी रैना के हाथों आउट करवाकर भारत को तीसरी सफलता दिला दी।
इसके बाद चौथे विकेट की साझेदारी में उतरे श्रीलंका के पूर्व कप्तान माहेला जयवर्धने (38) तथा वर्तमान कप्तान मैथ्यूज ने पारी संभाली और 78 रनों की साझेदारी कर श्रीलंका को कुछ राहत में पहुंचाया।
श्रीलंका की इस 18 ओवरों तक टिकी पारी को रविंद्र जडेजा ने तोड़ा। जडेजा ने जयवर्धने को क्लीन बोल्ड कर दिया। जयवर्धने ने 63 गेंदों का सामना कर तीन चौके लगाए।
जयवर्धने के जाने के बाद मैथ्यूज ने अजंथा मेंडिस (25) के साथ भी 39 रनों की साझेदारी निभाई। इस बीच मैथ्यूज ने अपना अर्द्धशतक पूरा किया। अर्द्धशतक पूरा करने के बाद हालांकि मैथ्यूज भी टिक नहीं सके और 46वें ओवर की पांचवीं गेंद पर विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी के हाथों लपके गए। मैथ्यूज ने 89 गेंदों में एक चौका और एक छक्का लगाया।
मैथ्यूज के बाद श्रीलंका के थिसारा परेरा (0), नुवन कुलाशेकरा (1) तथा मेंडिस के विकेट गिरे। मेंडिस के आउट होने के बाद दिलशान फिर से क्रीज पर उतरे और उन्होंने अपने पिछले स्कोर 12 रन में छह रनों का और इजाफा किया तथा 18 रन बनाकर वह नाबाद रहे।
भारत की तरफ से ईशांत शर्मा और रविचंद्रन अश्विन को तीन-तीन विकेट मिले तथा भुवनेश्वर कुमार और जडेजा के एक-एक विकेट लेने में कामयाब रहे।
कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (51) के संघर्षपूर्ण अर्द्धशतक की बदौलत श्रीलंका ने भारत के सामने 182 रनों का लक्ष्य रखा, जिसे उसने धवन, रोहित शर्मा (33) और विराट कोहली (नाबाद 58) की शानदार पारियों की बदौलत 35 ओवरों में दो विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।
धवन ने अपनी 92 गेंदों की पारी में छह चौके और एक छक्का लगाया जबकि कोहली ने 64 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाया। रोहित का विकेट 77 रन के कुल योग पर गिरा। रोहित ने 50 गेंदों पर चार चौके लगाए।
मैथ्यूज ने उनका विकेट लिया। धवन का विकेट 142 रनों के कुल योग पर गिरा। धवन को जीवन मेंडिस ने आउट किया। धवन और कोहली के बीच 65 रनों की साझेदारी हुई। सुरेश रैना सात रनों पर नाबाद लौटे। रैना और कोहली ने तीसेर विकेट के लिए 19 गेंदों पर 40 रन जोड़े।
इससे पहले, टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका की शुरुआत खराब रही और भारतीय गेंदबाज उस पर पूरे मैच के दौरान हावी रहे तथा श्रीलंका निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट पर 181 रन बना सकी।
श्रीलंका ने तीसरे ओवर की चौथी गेंद पर कुशल परेरा (4) के रूप में पहला विकेट छह रन के कुल योग पर गंवा दिया। परेरा के बाद पांचवें ओवर की तीसरी गेंद पर तिलकरत्ने दिलशान के 12 को निजी योग पर रिटायर्ड होने से श्रीलंका की चिंता बढ़ गई।
दिलशान के जाने के बाद श्रीलंका के लिए अगले लगभग 11 ओवर बहुत मुश्किल भरे रहे तथा भारतीय गेंदबाजों ने जैसे श्रीलंकाई बल्लेबाजों को बांध सा दिया। दूसरे विकेट की साझेदारी में कुमार संगकारा (17) के साथ लाहिरू थिरिमाने 65 गेंदों में मात्र 19 रन ही जोड़ सके।
थिरिमाने 16वें ओवर की दूसरी गेंद पर सुरेश रैना को कैच थमाकर चलते बने। थिरिमाने को कैच आउट करवाने वाले ईशांत शर्मा ने अपने अगले ही ओवर में संगकारा को भी रैना के हाथों आउट करवाकर भारत को तीसरी सफलता दिला दी।
इसके बाद चौथे विकेट की साझेदारी में उतरे श्रीलंका के पूर्व कप्तान माहेला जयवर्धने (38) तथा वर्तमान कप्तान मैथ्यूज ने पारी संभाली और 78 रनों की साझेदारी कर श्रीलंका को कुछ राहत में पहुंचाया।
श्रीलंका की इस 18 ओवरों तक टिकी पारी को रविंद्र जडेजा ने तोड़ा। जडेजा ने जयवर्धने को क्लीन बोल्ड कर दिया। जयवर्धने ने 63 गेंदों का सामना कर तीन चौके लगाए।
जयवर्धने के जाने के बाद मैथ्यूज ने अजंथा मेंडिस (25) के साथ भी 39 रनों की साझेदारी निभाई। इस बीच मैथ्यूज ने अपना अर्द्धशतक पूरा किया। अर्द्धशतक पूरा करने के बाद हालांकि मैथ्यूज भी टिक नहीं सके और 46वें ओवर की पांचवीं गेंद पर विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी के हाथों लपके गए। मैथ्यूज ने 89 गेंदों में एक चौका और एक छक्का लगाया।
मैथ्यूज के बाद श्रीलंका के थिसारा परेरा (0), नुवन कुलाशेकरा (1) तथा मेंडिस के विकेट गिरे। मेंडिस के आउट होने के बाद दिलशान फिर से क्रीज पर उतरे और उन्होंने अपने पिछले स्कोर 12 रन में छह रनों का और इजाफा किया तथा 18 रन बनाकर वह नाबाद रहे।
भारत की तरफ से ईशांत शर्मा और रविचंद्रन अश्विन को तीन-तीन विकेट मिले तथा भुवनेश्वर कुमार और जडेजा के एक-एक विकेट लेने में कामयाब रहे।
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