कुणाल वाही की कलम से : कैप्टन कूल के जाने के बाद सिडनी टेस्ट से पहले टीम की चुनौतियां

नई दिल्ली:

कैप्टन कूल के जाने से सीरीज के आखिरी टेस्ट में भारत की चुनौतियां बढ़ गई हैं। ऐसी तीन बड़ी चुनौतियां हैं, जिससे टीम इंडिया को फौरी तौर पर पार पाना होगा।

ड्रेसिंग रूम की चुनौती

सबसे पहले चुनौती ड्रेसिंग रूम में माहौल को बरक़रार रखने की होगी। धोनी के रहते ड्रेसिंग रूम तनाव का केंद्र कभी नहीं रहा। धोनी की शख्सियत और उनका स्टाइल ही ऐसा था। ये चुनौती सिडनी टेस्ट में और बड़ी इसलिए होगी, क्योंकि विराट कोहली पहली बार फुल टाइम इंचार्ज होंगे और ये सब तब हुआ है जब टीम इंडिया सबसे मुश्किल माने जाने वाले ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर है। दौरे पर संघर्ष कर रही टीम के लिए एकजुट होकर पूरे आत्म विश्वास के साथ मैदान पर उतरना इतना भी आसान नहीं होगा।

टीम चयन की चुनौती

वनडे सीरीज़ से पहले सिडनी में आखिरी टेस्ट मैच होना है। यहां की पिच आमतौर पर भारतीय पिचों से मिलती-जुलती है। यहां की पिच पर तीसरे दिन के बाद टर्न भी मिलता है। ऐसे में टीम मैनेजमेंट के पास एक तेज गेंदबाज़ को आराम देकर एक एक्सट्रा स्पिनर खिलाने का विकल्प है। अक्षर पटेल या कर्ण शर्मा को यहां पर मौका मिल सकता है। सुरेश रैना को भी लोकेश राहुल की जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है। वहीं धोनी की जगह पर रिज़र्व विकेटकीपर रिद्दिमान साहा का खेलना तय है।

गेंदबाज़ी का सिरदर्द बरक़रार

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एडिलेड से लेकर सिडनी तक अगर कोई एक डिपार्टमेंट ने टीम इंडिया को सबसे ज्यादा परेशान किया है तो वह है गेंदबाज़ी। गेंदबाज़ कभी पहली पारी में चलता है तो कभी दूसरी पारी में और कभी गेंदबाज़ पूरी तरह से नाकाम हो जाते हैं। तीन टेस्ट मैचों में एक बार भी किसी गेंदबाज़ ने एक पारी में पांच विकेट नहीं लिए। इतना ही नहीं ब्रिसबेन और मेलबर्न में गेंदबाज़ ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाज़ों से भी छुटकारा नहीं दिला सके। इन चुनौतियों का जवाब टीम इंडिया कैसे ढूंढ पाती है, ये बड़ा सवाल बना हुआ है।