एमएस धोनी (फाइल फोटो)
सीमित ओवर्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की साख दांव पर है। दक्षिण अफ्रीका के साथ सीरीज उनकी कप्तानी का शायद सबसे बड़ा इम्तिहान है। दक्षिण अफ्रीकी टीम टेस्ट में नंबर-1 है, तो वनडे में भारत के बाद तीसरे पायदान पर। जाहिर है इस बार मुकाबला जबर्दस्त होगा। लिहाजा धोनी अपनी तैयारी में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे।
दक्षिण अफ्रीका पेश करेगा कड़ी चुनौती
बेंगलुरू में कंडीशनिंग कैंप में वनडे कैप्टन धोनी संभवतः सबसे ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। इसलिए भी क्योंकि वे 3 महीने से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर रहे हैं। जून में बांग्लादेश के खिलाफ उन्होने आखिरी वनडे खेला था। दक्षिण अफ्रीका के साथ सीरीज न सिर्फ धोनी के लिए अहम होगी, बल्कि अन्य खिलाड़ियों को भी इस बात का अहसास है कि प्रोटियाज कड़ी चुनौती पेश करेंगे।
अमित मिश्रा का कहना है, "यह (दक्षिण अफ्रीका के साथ सीरीज) हमारे लिए बड़ी चुनौती है। हमारी वनडे और T-20 टीम बेहद प्रतिभाशाली और संतुलित है। दोनों ही टीमों के बीच जबर्दस्त मुकाबला होगा।"
ऑलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी कहते हैं, "यह न सिर्फ मेरे, बल्कि पूरी टीम के लिए अहम सीरीज है। दक्षिण अफ्रीका की टीम तीनों फॉर्मेट में मजबूत है। सीरीज बेहद दिलचस्प रहेगी। हां, शुरुआत अच्छी होनी चाहिए।'
क्या अमित मिश्रा को प्लेइंग इलेवन में मिलेगी जगह
अमित मिश्रा ने श्रीलंका में 4 साल बाद टेस्ट खेला। गेंद और बल्ले दोनों से उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। मिश्रा ने 3 टेस्ट में 15 विकेट लिए और 157 रन बनाए। माना जाता है कि कप्तान महेद्र सिंह धोनी की रणनीति में वे फिट नहीं बैठते थे। सवाल है कि क्या अब वे प्लेइंग-11 में जगह बना पाएंगे।
'जगह पक्की करने के लिए कर रहा मेहनत'
मिश्रा ने कहा, "किसी भी पेशेवर खिलाड़ी को यह नहीं पता होता कि उसकी जगह पक्की होगी या नहीं। मेरा ध्यान अपनी गेंदबाजी पर है। कोशिश यह भी है कि बल्लेबाजी में थोड़ा योगदान दे पाऊं। मैं पिछले चार साल से यह कर रहा हूं। इसकी झलक श्रीलंका में देखने को मिली।"
वर्ल्ड कप के बाद पहली बड़ी सीरीज
वर्ल्ड कप के बाद भारत के लिए दक्षिण अफ्रीका सीरीज सबसे बड़ी चुनौती है। दो महीने तक चलने वाली गांधी-मंडेला सीरीज की शुरुआत महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर से हो रही है। पहले तीन T-20 और 5 वनडे खेले जाएंगे, फिर 4 टेस्ट मैच होंगे। टेस्ट में विराट कोहली कप्तानी करेंगे।
दक्षिण अफ्रीका पेश करेगा कड़ी चुनौती
बेंगलुरू में कंडीशनिंग कैंप में वनडे कैप्टन धोनी संभवतः सबसे ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। इसलिए भी क्योंकि वे 3 महीने से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर रहे हैं। जून में बांग्लादेश के खिलाफ उन्होने आखिरी वनडे खेला था। दक्षिण अफ्रीका के साथ सीरीज न सिर्फ धोनी के लिए अहम होगी, बल्कि अन्य खिलाड़ियों को भी इस बात का अहसास है कि प्रोटियाज कड़ी चुनौती पेश करेंगे।
अमित मिश्रा का कहना है, "यह (दक्षिण अफ्रीका के साथ सीरीज) हमारे लिए बड़ी चुनौती है। हमारी वनडे और T-20 टीम बेहद प्रतिभाशाली और संतुलित है। दोनों ही टीमों के बीच जबर्दस्त मुकाबला होगा।"
ऑलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी कहते हैं, "यह न सिर्फ मेरे, बल्कि पूरी टीम के लिए अहम सीरीज है। दक्षिण अफ्रीका की टीम तीनों फॉर्मेट में मजबूत है। सीरीज बेहद दिलचस्प रहेगी। हां, शुरुआत अच्छी होनी चाहिए।'
क्या अमित मिश्रा को प्लेइंग इलेवन में मिलेगी जगह
अमित मिश्रा ने श्रीलंका में 4 साल बाद टेस्ट खेला। गेंद और बल्ले दोनों से उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। मिश्रा ने 3 टेस्ट में 15 विकेट लिए और 157 रन बनाए। माना जाता है कि कप्तान महेद्र सिंह धोनी की रणनीति में वे फिट नहीं बैठते थे। सवाल है कि क्या अब वे प्लेइंग-11 में जगह बना पाएंगे।
'जगह पक्की करने के लिए कर रहा मेहनत'
मिश्रा ने कहा, "किसी भी पेशेवर खिलाड़ी को यह नहीं पता होता कि उसकी जगह पक्की होगी या नहीं। मेरा ध्यान अपनी गेंदबाजी पर है। कोशिश यह भी है कि बल्लेबाजी में थोड़ा योगदान दे पाऊं। मैं पिछले चार साल से यह कर रहा हूं। इसकी झलक श्रीलंका में देखने को मिली।"
वर्ल्ड कप के बाद पहली बड़ी सीरीज
वर्ल्ड कप के बाद भारत के लिए दक्षिण अफ्रीका सीरीज सबसे बड़ी चुनौती है। दो महीने तक चलने वाली गांधी-मंडेला सीरीज की शुरुआत महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर से हो रही है। पहले तीन T-20 और 5 वनडे खेले जाएंगे, फिर 4 टेस्ट मैच होंगे। टेस्ट में विराट कोहली कप्तानी करेंगे।
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