नई दिल्ली:
पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने भारतीय क्रिकेट टीम में मतभेद के लिए परोक्ष रूप से बीसीसीआई को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि महेंद्र सिंह धोनी को गुमराह किया गया है। बेदी ने कहा, ‘‘मैं नहीं मानता कि सीनियर खिलाड़ियों का क्षेत्ररक्षण खराब है। सचिन, सहवाग और गंभीर का अपना रुतबा है। लगता है कि धोनी को गुमराह किया गया है। कौन जानता है कि वह बीसीसीआई की राय ही व्यक्त कर रहा हो।’’
अपने जमाने के इस दिग्गज स्पिनर ने यह टिप्पणी धोनी के उस बयान को लेकर की, जो उन्होंने हाल में रोटेशन नीति को लेकर की थी। भारतीय कप्तान ने कहा था कि सीनियर खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर का क्षेत्ररक्षण ढीला है, जिससे टीम को लगभग 20 रन गंवाने पड़ते हैं। सहवाग ने हालांकि बाद में यह कहकर इसे नया मोड़ दे दिया था कि उन्हें रोटेशन का यह कारण नहीं बताया गया है। बेदी ने इसके साथ ही खिलाड़ियों से मीडिया से दूरी बनाए रखने की अपील भी की।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि हमारे जमाने में मीडिया इतना हावी नहीं था। खिलाड़ियों को मीडिया से दूरी बनाए रखनी चाहिए। सभी को मीडिया के पास आने की जरूरत नहीं है। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि खिलाड़ियों को ही बोलना है, तो फिर मीडिया मैनेजर का क्या काम है। वे (खिलाड़ी) बच्चे नहीं हैं। वे लंबे समय से खेल रहे हैं और जानते हैं कि मीडिया किस तरह की प्रतिक्रिया कर सकता है। ड्रेसिंग रूम की बातों को बाहर नहीं आना चाहिए।’’
बेदी ने साथ ही कहा कि वह सचिन तेंदुलकर को संन्यास लेने की सलाह देने संबंधी कपिल देव के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते और इसका फैसला इस स्टार बल्लेबाज पर ही छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘यह कपिल का मानना है। मैं समझता हूं कि कोई भी ऐसी स्थिति में नहीं है, जो कि तेंदुलकर को संन्यास लेने के लिए कहे। यह उनका एकाधिकार है। यह उनका फैसला होगा, किसी अन्य को उस पर बोलने का अधिकार नहीं होना चाहिए।’’
बेदी ने कहा, ‘‘आखिर उनके महाशतक का इंतजार किसे नहीं है। सभी उनके महाशतक की बात कर रहे हैं और साथ में उन पर तलवार भी तान रहे हैं। इस शतक का बोझ केवल सचिन पर ही नहीं, सारे देश पर है। बेहतरी इसी में है कि हम उन्हें अकेला छोड़ दें।’’ धोनी की रोटेशन नीति की कड़ी आलोचना करने वाले बेदी ने माना कि ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भारतीय टीम हर विभाग में असफल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अब तो दौरा समाप्त होने का इंतजार किया जा रहा है। टीम का आत्मविश्वास बुरी तरह हिल गया है।’’
अपने जमाने के इस दिग्गज स्पिनर ने यह टिप्पणी धोनी के उस बयान को लेकर की, जो उन्होंने हाल में रोटेशन नीति को लेकर की थी। भारतीय कप्तान ने कहा था कि सीनियर खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर का क्षेत्ररक्षण ढीला है, जिससे टीम को लगभग 20 रन गंवाने पड़ते हैं। सहवाग ने हालांकि बाद में यह कहकर इसे नया मोड़ दे दिया था कि उन्हें रोटेशन का यह कारण नहीं बताया गया है। बेदी ने इसके साथ ही खिलाड़ियों से मीडिया से दूरी बनाए रखने की अपील भी की।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि हमारे जमाने में मीडिया इतना हावी नहीं था। खिलाड़ियों को मीडिया से दूरी बनाए रखनी चाहिए। सभी को मीडिया के पास आने की जरूरत नहीं है। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि खिलाड़ियों को ही बोलना है, तो फिर मीडिया मैनेजर का क्या काम है। वे (खिलाड़ी) बच्चे नहीं हैं। वे लंबे समय से खेल रहे हैं और जानते हैं कि मीडिया किस तरह की प्रतिक्रिया कर सकता है। ड्रेसिंग रूम की बातों को बाहर नहीं आना चाहिए।’’
बेदी ने साथ ही कहा कि वह सचिन तेंदुलकर को संन्यास लेने की सलाह देने संबंधी कपिल देव के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते और इसका फैसला इस स्टार बल्लेबाज पर ही छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘यह कपिल का मानना है। मैं समझता हूं कि कोई भी ऐसी स्थिति में नहीं है, जो कि तेंदुलकर को संन्यास लेने के लिए कहे। यह उनका एकाधिकार है। यह उनका फैसला होगा, किसी अन्य को उस पर बोलने का अधिकार नहीं होना चाहिए।’’
बेदी ने कहा, ‘‘आखिर उनके महाशतक का इंतजार किसे नहीं है। सभी उनके महाशतक की बात कर रहे हैं और साथ में उन पर तलवार भी तान रहे हैं। इस शतक का बोझ केवल सचिन पर ही नहीं, सारे देश पर है। बेहतरी इसी में है कि हम उन्हें अकेला छोड़ दें।’’ धोनी की रोटेशन नीति की कड़ी आलोचना करने वाले बेदी ने माना कि ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भारतीय टीम हर विभाग में असफल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अब तो दौरा समाप्त होने का इंतजार किया जा रहा है। टीम का आत्मविश्वास बुरी तरह हिल गया है।’’
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