नई दिल्ली:
अनिल कुंबले और विराट कोहली की जोड़ी को भारतीय इतिहास की सबसे कामयाब कोच-कप्तान की जोड़ी माना जा रहा है. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि कोच अनिल कुंबले और बीसीसीआई एक दूसरे से नाराज़ हो गए हैं. बताया जा रहा है कि इसका नतीजा यह हो सकता है कि बोर्ड अनिल कुंबले को भारतीय टीम के कोच की जिम्मेदारी से छुट्टी दे सकता है.
इन पांच कारणों के चलते कुंबले की हो सकती है छुट्टी
1- अनिल कुंबले ने खिलाड़ियों की सालाना राशि में 150% फीसदी के इज़ाफे की बात का प्रस्ताव दिया था. इस समय बीसीसीआई से अनुबंधित ग्रेड A खिलाड़ियों को 2 करोड़ रुपये दिए जाते हैं पर अनिल कुंबले इस राशि को 5 करोड़ के करीब ले जाना चाहते हैं.
2- कुंबले कप्तान विराट कोहली के लिए 25% अतिरिक्त फ़ीस की मांग कर रहे थे क्योंकि विराट टीम इंडिया के कप्तान हैं और बाकी खिलाड़ियों से ज़्यादा दबाव उन्हें झेलना पड़ता है.
3- अनिल कुंबले टीम चयन का भी अहम हिस्सा बनना चाहते हैं और माना जा रहा है कि उन्होंने सुझाव दिया था कि कप्तान और कोच को भी टीम चुनने का अधिकार होना चाहिए. इस समय चयन समिति टीम चुनने के लिए कप्तान और कोच की सलाह लेते हैं पर उनकी राय मानी जाए इसके लिए समिति बाध्य नहीं है क्योंकि कप्तान और कोच को वोट करने का अधिकार नहीं है.
4- अनिल कुंबले बीसीसीआई के मौजूदा अधिकारियों से किसी भी तरह की चर्चा नहीं करते थे. वो सीधे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी के पास अपने सुझावों को लेकर जाते थे.
5- बोर्ड के कुछ अधिकारियों को लगता था कि जब लोढ़ा कमेटी के लोग पिछले साल अनिल कुंबले से मिले थे तो बीसीसीआई के खिलाफ़ सबसे ज़्यादा टिप्पणी करने वाले अनिल कुंबले ही थे और कुंबले की सिफारिशों का ही नतीजा है सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के खिलाफ़ सख्त फैसला लिया.
इन पांच कारणों के चलते कुंबले की हो सकती है छुट्टी
1- अनिल कुंबले ने खिलाड़ियों की सालाना राशि में 150% फीसदी के इज़ाफे की बात का प्रस्ताव दिया था. इस समय बीसीसीआई से अनुबंधित ग्रेड A खिलाड़ियों को 2 करोड़ रुपये दिए जाते हैं पर अनिल कुंबले इस राशि को 5 करोड़ के करीब ले जाना चाहते हैं.
2- कुंबले कप्तान विराट कोहली के लिए 25% अतिरिक्त फ़ीस की मांग कर रहे थे क्योंकि विराट टीम इंडिया के कप्तान हैं और बाकी खिलाड़ियों से ज़्यादा दबाव उन्हें झेलना पड़ता है.
3- अनिल कुंबले टीम चयन का भी अहम हिस्सा बनना चाहते हैं और माना जा रहा है कि उन्होंने सुझाव दिया था कि कप्तान और कोच को भी टीम चुनने का अधिकार होना चाहिए. इस समय चयन समिति टीम चुनने के लिए कप्तान और कोच की सलाह लेते हैं पर उनकी राय मानी जाए इसके लिए समिति बाध्य नहीं है क्योंकि कप्तान और कोच को वोट करने का अधिकार नहीं है.
4- अनिल कुंबले बीसीसीआई के मौजूदा अधिकारियों से किसी भी तरह की चर्चा नहीं करते थे. वो सीधे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी के पास अपने सुझावों को लेकर जाते थे.
5- बोर्ड के कुछ अधिकारियों को लगता था कि जब लोढ़ा कमेटी के लोग पिछले साल अनिल कुंबले से मिले थे तो बीसीसीआई के खिलाफ़ सबसे ज़्यादा टिप्पणी करने वाले अनिल कुंबले ही थे और कुंबले की सिफारिशों का ही नतीजा है सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के खिलाफ़ सख्त फैसला लिया.
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