नई दिल्ली: बीसीसीआई और लोढा समिति के बीच गतिरोध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा और बोर्ड ने शनिवार को हुई बैठक के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति द्वारा सुझाये गए कुछ सुधारों पर अपना विरोध जारी रखने का फैसला किया है.
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि इसके कुछ प्रावधानों पर अमल व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है. हमारे वकील कपिल सिब्बल सोमवार को जिरह जारी रखेंगे.’ बोर्ड के पूर्णकालिक सदस्यों के प्रतिनिधियों की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया.
बीसीसीआई ने साफ तौर पर कहा कि ‘एक राज्य, एक वोट’, ‘एक व्यक्ति, एक पद’, ‘ब्रेक की अवधि’ विवादित मसले बने हुए हैं. लोढा समिति की सिफारिशों को अक्षरश: स्वीकार करने वालों में सिर्फ त्रिपुरा, विदर्भ और राजस्थान क्रिकेट संघ हैं. बैठक में बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर द्वारा सोमवार को न्यायालय में दिये जाने वाले हलफनामे पर भी चर्चा हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने ठाकुर को हलफनामा देकर यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या उन्होंने आईसीसी को यह कहने के लिये लिखा कि लोढा समिति के सुझाव सरकारी दखल के समकक्ष है. आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेव रिचर्डसन ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में ऐसा दावा किया था. सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई सोमवार को होगी और दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड के लिये उन मसलों पर अपना पक्ष रखने का यह आखिरी मौका है जो उसे लगता है कि उसकी कार्यप्रणाली को प्रभावित करेंगे.
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