एन श्रीनिवासन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बीसीसीआई बड़ा कदम उठाते हुए अपनी सालाना आम बैठक में आईसीसी के शक्तिशाली निदेशक मंडल में शशांक मनोहर की जगह पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को प्रतिनिधि के रूप में भेजने पर फैसला कर सकता है.
मनोहर को 10 महीने पहले श्रीनिवासन की जगह ही आईसीसी में बीसीसीआई का प्रतिनिधि बनाया गया था. लेकिन इसके बाद मनोहर ने बीसीसीआई को लोढा समिति की सिफारिशों से जूझने के लिए छोड़ दिया और कई मुद्दों पर उनकी बोर्ड के साथ टकराव की स्थिति चल रही है. आईसीसी चेयरमैन बने मनोहर के साथ सबसे बड़ा मुद्दा आईसीसी के राजस्व का बड़ा हिस्सा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ बांटने की व्यवथा को रद्द करना रहा.
इसके अलावा उन्होंने दो स्तरीय टेस्ट ढांचे को लेकर भी दबाव डालने की कोशिश की और साथ ही चाहते हैं कि भारत संयुक्त राजस्व पूल में शामिल हो. पता चला है कि चार सितंबर को बीसीसीआई सचिव और एक समय श्रीनिवासन के विरोधी रहे अजय शिर्के ने चेन्नई में इस पूर्व अध्यक्ष के साथ मुलाकात कर बोर्ड का मौजदा गतिरोध खत्म करने की कोशिश की.
लोढा समिति की सिफारिशों पर मनोहर के रूख से पूरी तरह असंतुष्ट बीसीसीआई के नाराज सदस्य एजीएम में इस कदम का समर्थन कर सकते हैं.
मनोहर को 10 महीने पहले श्रीनिवासन की जगह ही आईसीसी में बीसीसीआई का प्रतिनिधि बनाया गया था. लेकिन इसके बाद मनोहर ने बीसीसीआई को लोढा समिति की सिफारिशों से जूझने के लिए छोड़ दिया और कई मुद्दों पर उनकी बोर्ड के साथ टकराव की स्थिति चल रही है. आईसीसी चेयरमैन बने मनोहर के साथ सबसे बड़ा मुद्दा आईसीसी के राजस्व का बड़ा हिस्सा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ बांटने की व्यवथा को रद्द करना रहा.
इसके अलावा उन्होंने दो स्तरीय टेस्ट ढांचे को लेकर भी दबाव डालने की कोशिश की और साथ ही चाहते हैं कि भारत संयुक्त राजस्व पूल में शामिल हो. पता चला है कि चार सितंबर को बीसीसीआई सचिव और एक समय श्रीनिवासन के विरोधी रहे अजय शिर्के ने चेन्नई में इस पूर्व अध्यक्ष के साथ मुलाकात कर बोर्ड का मौजदा गतिरोध खत्म करने की कोशिश की.
लोढा समिति की सिफारिशों पर मनोहर के रूख से पूरी तरह असंतुष्ट बीसीसीआई के नाराज सदस्य एजीएम में इस कदम का समर्थन कर सकते हैं.
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