प्रतीकात्मक फोटो
मुंबई:
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की शनिवार को होने वाली विशेष आम सभा (एसजीएम) की बैठक में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को खारिज करने को लेकर बोर्ड में लगभग आमराय बन गई है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर सदस्यों ने सिफारिशों की अवहेलना करने की बात का समर्थन किया. बताया जाता है कि आज की बैठक में बीसीसीआई के वकीलों की ओर से दी गई सलाह पर चर्चा होगी. बीसीसीआई ने लोढा पैनलों की सिफारिशों के विपरीत कुछ प्रस्ताव तय किये हैं. बताया जाता है कि विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन ने मानी लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें मान ली है और 730 में 727 मतों से इसका समर्थन किया है.
यह थीं लोढ़ा कमेटी की मुख्य सिफारिशें
-कमेटी की पहली सिफारिश में कोई भी व्यक्ति 70 साल की उम्र के बाद बीसीसीआई या राज्य संघ पदाधिकारी नहीं बन सकता.
-लोढ़ा समिति का सबसे अहम सुझाव है कि एक राज्य संघ का एक मत होगा और अन्य को एसोसिएट सदस्य के रूप में रेलीगेट किया जाएगा.
-आईपीएल और बीसीसीआई के लिए अलग-अलग गवर्निंग काउंसिल हों. इसके अलावा समिति ने आईपीएल गवर्निंग काउंसिल को सीमित अधिकार दिए जाने का भी सुझाव दिया है.
-समिति ने बीसीसीआई पदाधिकारियों के चयन के लिए मानकों का भी सुझाव दिया है. उनका कहना है कि उन्हें मंत्री या सरकारी अधिकारी नहीं होना चाहिए, और वे नौ साल अथवा तीन कार्यकाल तक बीसीसीआई के किसी भी पद पर न रहे हों.
-लोढ़ा कमेटी का यह भी सुझाव है कि बीसीसीआई के किसी भी पदाधिकारी को लगातार दो से ज़्यादा कार्यकाल नहीं दिए जाने चाहिए.
-लोढ़ा समिति की रिपोर्ट में खिलाड़ियों के एसोसिएशन के गठन तथा स्थापना का भी प्रस्ताव है.
-समिति का सुझाव है कि बीसीसीआई को सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे में लाया जाना चाहिए.
-समिति के मुताबिक, बीसीसीआई के क्रिकेट से जुड़े मामलों का निपटारा पूर्व खिलाड़ियों को ही करना चाहिए, जबकि गैर-क्रिकेटीय मसलों पर फैसले छह सहायक प्रबंधकों तथा दो समितियों की मदद से सीईओ करेंगे.
सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर सदस्यों ने सिफारिशों की अवहेलना करने की बात का समर्थन किया. बताया जाता है कि आज की बैठक में बीसीसीआई के वकीलों की ओर से दी गई सलाह पर चर्चा होगी. बीसीसीआई ने लोढा पैनलों की सिफारिशों के विपरीत कुछ प्रस्ताव तय किये हैं. बताया जाता है कि विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन ने मानी लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें मान ली है और 730 में 727 मतों से इसका समर्थन किया है.
यह थीं लोढ़ा कमेटी की मुख्य सिफारिशें
-कमेटी की पहली सिफारिश में कोई भी व्यक्ति 70 साल की उम्र के बाद बीसीसीआई या राज्य संघ पदाधिकारी नहीं बन सकता.
-लोढ़ा समिति का सबसे अहम सुझाव है कि एक राज्य संघ का एक मत होगा और अन्य को एसोसिएट सदस्य के रूप में रेलीगेट किया जाएगा.
-आईपीएल और बीसीसीआई के लिए अलग-अलग गवर्निंग काउंसिल हों. इसके अलावा समिति ने आईपीएल गवर्निंग काउंसिल को सीमित अधिकार दिए जाने का भी सुझाव दिया है.
-समिति ने बीसीसीआई पदाधिकारियों के चयन के लिए मानकों का भी सुझाव दिया है. उनका कहना है कि उन्हें मंत्री या सरकारी अधिकारी नहीं होना चाहिए, और वे नौ साल अथवा तीन कार्यकाल तक बीसीसीआई के किसी भी पद पर न रहे हों.
-लोढ़ा कमेटी का यह भी सुझाव है कि बीसीसीआई के किसी भी पदाधिकारी को लगातार दो से ज़्यादा कार्यकाल नहीं दिए जाने चाहिए.
-लोढ़ा समिति की रिपोर्ट में खिलाड़ियों के एसोसिएशन के गठन तथा स्थापना का भी प्रस्ताव है.
-समिति का सुझाव है कि बीसीसीआई को सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे में लाया जाना चाहिए.
-समिति के मुताबिक, बीसीसीआई के क्रिकेट से जुड़े मामलों का निपटारा पूर्व खिलाड़ियों को ही करना चाहिए, जबकि गैर-क्रिकेटीय मसलों पर फैसले छह सहायक प्रबंधकों तथा दो समितियों की मदद से सीईओ करेंगे.
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