बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर ने आज कहा कि बीसीसीआई के संविधान में 2012 में अध्यक्ष पद के संबंध में संशोधन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि बीजेपी के शीर्ष नेता अरुण जेटली 2014 में बोर्ड प्रमुख बन जाए बजाय कि एन श्रीनिवासन दूसरे कार्यकाल के लिए कायम रहें।
वर्ष 2012 में बीसीसीआई संविधान में संशोधन किया गया, जिसमें विभिन्न जोन से एक पदाधिकारी अध्यक्ष बन सकता है, अगर उसका नाम उस जोन द्वारा प्रस्तावित और अनुमोदित किया जाए, जिसकी प्रमुख चुनने का बारी हो।
मनोहर ने कहा, 'मेरा मानना है कि सदस्यों ने संविधान में संशोधन के पक्ष में फैसला इसलिए किया था कि अरुण जेटली (तत्कालीन डीडीसीए अध्यक्ष और बीसीसीआई उपाध्यक्ष) का पूर्वी क्षेत्र से बीसीसीआई अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो जाए। यह खास तौर से जेटली के लिए किया गया, क्योंकि वह सदस्यों के बीच सर्वसम्मत पसंद थे।'
नागपुर में बसे वकील और अपने समय में बीसीसीआई में सबसे ज्यादा सम्मानित मनोहर ने स्पष्ट किया कि विश्व की सबसे अमीर क्रिकेट संस्था में उनकी कोई भी पद संभालने की कोई इच्छा नहीं है।
मनोहर ने कहा, 'मैं यह साफ कर दूं। मैं किसी भी तरह का चुनाव नहीं लड़ रहा और न ही मैं अपने जीवन में बीसीसीआई में किसी भी तरह से वापसी करना चाहूंगा। मैं बीसीसीआई अध्यक्ष था और मैंने अपनी पारी खेल ली। मैं इसे इस तरह ही रखना चाहूंगा। मेरी वापसी की कोई इच्छा नहीं है। हां, अगर मेरी मदद की जरूरत होगी तो मैं अपनी विशेषज्ञता देने के लिए तैयार हूं।'
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