मेलबर्न:
यह बेहद दिलचस्प संयोग है कि जिस ऑस्ट्रेलिया ने पिछले तीन महीने में महेन्द्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली भारतीय टीम को क्रिकेट के हर विभाग में पस्त किया है, अब उसके करोड़ों चाहने वाले कल त्रिकोणीय श्रृंखला के आखिरी लीग मैच में उसी ऑस्ट्रेलियाई टीम की श्रीलंका पर जीत की दुआ करेंगे। क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और उसकी बानगी इस शृंखला में लगातार देखने को मिली है।
भारत ने होबार्ट में श्रीलंका का 321 रन का लक्ष्य 40 ओवर के अंदर हासिल करके टूर्नामेंट का आखिरी लीग मैच बेहद दिलचस्प बना दिया है। पहले यह मैच औपचारिकता-मात्र होता, लेकिन अब यह भारत और श्रीलंका के लिए सेमीफाइनल जैसा हो गया है, और मजेदार बात यह है कि इसमें भारतीय टीम को खेलना ही नहीं है, बल्कि उसका भाग्य ऑस्ट्रेलिया के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा, जो पहले ही फाइनल में जगह बना चुका है।
ऑस्ट्रेलिया के अब तक 19 अंक हैं, जबकि भारत और श्रीलंका दोनों के 15-15 अंक हैं, लेकिन यदि ऑस्ट्रेलियाई टीम श्रीलंका को हरा देती है तो भारतीय टीम बेस्ट आफ थ्री फाइनल्स में पहुंच जाएगी। भारतीय खिलाड़ी इस मैच को लेकर कितने उत्सुक हैं कि उन्होंने अभ्यास के बजाए अपनी नज़रें इसी पर गड़ाए रखने को तरजीह दी है।
भारत की दुआएं काम करती हैं या नहीं, यह कल मैच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की अपनी कुछ परेशानियां हैं, जिनका श्रीलंका फायदा उठाना चाहेगा। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क अब भी पीठ दर्द से परेशान हैं और उनका कल के मैच खेलना संदिग्ध है। वह पहले भी इस वजह से कुछ मैचों में नहीं खेल पाए थे। यदि क्लार्क फिट नहीं होते तो फिर ऑलराउंडर शेन वाटसन टीम की अगुवाई करेंगे, जिन्होंने भारत के खिलाफ बहुत अच्छी गेंदबाजी की थी। तेज गेंदबाजी की सनसनी जेम्स पैटिनसन भी पांव की चोट से उबर गए हैं। वह जनवरी में भारत के खिलाफ सिडनी टेस्ट मैच के दौरान चोटिल हो गए थ। तेज गेंदबाजी के अगुवा ब्रेट ली भी पूरी तरह फिट नहीं हैं, लेकिन वह दर्द के बावजूद खेलना चाहते हैं।
दूसरी तरफ भारत के खिलाफ करारी हार से पहले तक लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार करने वाले श्रीलंका का मनोबल हिला हुआ है। होबार्ट में आत्मसमर्पण करने से पहले तक श्रीलंका का फाइनल्स में पहुंचना तय माना जा रहा था, लेकिन अब उसके लिए कल का मैच 'करो या मरो' वाला बन गया है। श्रीलंकाई गेंदबाजों ने होबार्ट के मैच से पहले तक अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन पिछले मैच में गेंदबाजों ने उसे निराश किया। उसके स्टार गेंदबाज लसिथ मलिंगा ने 12.52 की औसत से 96 रन देकर केवल एक विकेट हासिल किया। विराट कोहली ने उनके खिलाफ जिस तरह का आक्रामक रवैया अपनाया, उससे अब अन्य बल्लेबाज भी उनको खुलकर खेलने का साहस दिखाएंगे। श्रीलंका के लिए अच्छी खबर यह है कि होबार्ट से पहले तक बड़ी पारियां खेलने में नाकाम रहे आक्रामक बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान और कुमार संगकारा ने शतक जमाए और वे फिर से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
भारत ने होबार्ट में श्रीलंका का 321 रन का लक्ष्य 40 ओवर के अंदर हासिल करके टूर्नामेंट का आखिरी लीग मैच बेहद दिलचस्प बना दिया है। पहले यह मैच औपचारिकता-मात्र होता, लेकिन अब यह भारत और श्रीलंका के लिए सेमीफाइनल जैसा हो गया है, और मजेदार बात यह है कि इसमें भारतीय टीम को खेलना ही नहीं है, बल्कि उसका भाग्य ऑस्ट्रेलिया के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा, जो पहले ही फाइनल में जगह बना चुका है।
ऑस्ट्रेलिया के अब तक 19 अंक हैं, जबकि भारत और श्रीलंका दोनों के 15-15 अंक हैं, लेकिन यदि ऑस्ट्रेलियाई टीम श्रीलंका को हरा देती है तो भारतीय टीम बेस्ट आफ थ्री फाइनल्स में पहुंच जाएगी। भारतीय खिलाड़ी इस मैच को लेकर कितने उत्सुक हैं कि उन्होंने अभ्यास के बजाए अपनी नज़रें इसी पर गड़ाए रखने को तरजीह दी है।
भारत की दुआएं काम करती हैं या नहीं, यह कल मैच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की अपनी कुछ परेशानियां हैं, जिनका श्रीलंका फायदा उठाना चाहेगा। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क अब भी पीठ दर्द से परेशान हैं और उनका कल के मैच खेलना संदिग्ध है। वह पहले भी इस वजह से कुछ मैचों में नहीं खेल पाए थे। यदि क्लार्क फिट नहीं होते तो फिर ऑलराउंडर शेन वाटसन टीम की अगुवाई करेंगे, जिन्होंने भारत के खिलाफ बहुत अच्छी गेंदबाजी की थी। तेज गेंदबाजी की सनसनी जेम्स पैटिनसन भी पांव की चोट से उबर गए हैं। वह जनवरी में भारत के खिलाफ सिडनी टेस्ट मैच के दौरान चोटिल हो गए थ। तेज गेंदबाजी के अगुवा ब्रेट ली भी पूरी तरह फिट नहीं हैं, लेकिन वह दर्द के बावजूद खेलना चाहते हैं।
दूसरी तरफ भारत के खिलाफ करारी हार से पहले तक लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार करने वाले श्रीलंका का मनोबल हिला हुआ है। होबार्ट में आत्मसमर्पण करने से पहले तक श्रीलंका का फाइनल्स में पहुंचना तय माना जा रहा था, लेकिन अब उसके लिए कल का मैच 'करो या मरो' वाला बन गया है। श्रीलंकाई गेंदबाजों ने होबार्ट के मैच से पहले तक अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन पिछले मैच में गेंदबाजों ने उसे निराश किया। उसके स्टार गेंदबाज लसिथ मलिंगा ने 12.52 की औसत से 96 रन देकर केवल एक विकेट हासिल किया। विराट कोहली ने उनके खिलाफ जिस तरह का आक्रामक रवैया अपनाया, उससे अब अन्य बल्लेबाज भी उनको खुलकर खेलने का साहस दिखाएंगे। श्रीलंका के लिए अच्छी खबर यह है कि होबार्ट से पहले तक बड़ी पारियां खेलने में नाकाम रहे आक्रामक बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान और कुमार संगकारा ने शतक जमाए और वे फिर से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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