फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट टीम के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे ने शुक्रवार को कहा कि उनका ध्यान दूसरे टेस्ट मैच में श्रीलंकाई गेंदबाजों पर हावी होने पर था. रहाणे ने श्रीलंका के खिलाफ सिंहली स्पोर्ट्स क्लब मैदान पर खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में 132 रनों की पारी खेली. वह मैच के दूसरे दिन पहले सत्र में पवेलियन लौटे. उन्होंने चेतेश्वर पुजारा के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 217 रनों की साझेदारी की. दिन का खेल खत्म होने के बाद संवाददाता सम्मेलन में रहाणे ने कहा, "यह मेरी स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ सबसे अच्छी पारियों में से एक है. मेरा ध्यान गेंदबाजों पर हावी होने पर था. बल्लेबाजी करने जाते समय मुझे पता था कि विकेट किस तरह की है और इसमें कितना उछाल है और यह मेरे खेल के हिसाब से है या नहीं. मेरे और पुजारा के बीच में अच्छी बातचीत थी, हमने शायद ही कोई मेडेन ओवर खेला हो. हमने उन पर दबाव डाल दिया था. जैसे ही मैच आगे बढ़ेगा इस पिच पर बल्लेबाजी करना भी मुश्किल हो जाएगा.'
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हेराथ के खिलाफ फुटवर्क का इस्तेमाल
उन्होंने कहा, 'पिछली बार जब हम गॉल के बाद यहां टेस्ट मैच खेले थे तब हमने फैसला किया था हम हेराथ के खिलाफ फुटवर्क का इस्तेमाल करेंगे. इसलिए उनके खिलाफ और बाकी के स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ हमने ऐसा ही किया ताकि हम बैकफुट पर ज्यादा रन बना सकें.' रहाणे ने कहा कि पुजारा के साथ दोहरी शतकीय साझेदारी करना टीम की रणनीति थी. उन्होंने कहा, 'यह स्पिन की मददगार विकेट है और हम अच्छी साझेदारी चाहते थे. मैं कल विराट से भोजनकाल से पहले ड्रेसिंग रूम में बात कर रहा था कि अगर हम 150-200 रनों की साझेदारी कर लेते हैं तो श्रीलंका बैकफुट पर होगी और यही हुआ. मेरे और पुजारा के बीच साझेदारी हुई.'
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क्या है रणनीति
भारतीय उप-कप्तान ने बताया कि दूसरे दिन विकेट किस तरह का व्यवहार कर रही थी. उन्होंने कहा, 'हम जानते थे कि विकेट काफी धीमी है और अगर हम फुटवर्क का इस्तेमाल करेंगे तो हम ज्यादा रन बना सकेंगे. उछाल असीमित था. कुछ गेंद उछाल ले रही थीं जबकि कुछ गेंदे नीची रह रही थीं. हम जानते थे कि अगर वह स्विप शॉट खेलते हैं तो यह हमारे लिए अच्छा होगा, हमारे पास विकेट लेने का मौका होगा.'
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शतक बनाने का था विश्वास
उन्होंने कहा, "यह बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं है. कल हमारे गेंदबाज अहम होंगे. उन्हें सही क्षेत्र में लंबे समय तक गेंदबाजी करनी होगी.' रहाणे ने अपने शतक के बारे में कहा, 'यह बेहद जरूरी शतक था. लेकिन मुझे विश्वास था कि मैं शतक बना लूंगा. नौ-दस टेस्ट मैचों में शतक न लगा पाने के बाद भी मुझे विश्वास था. मैं जानता था कि अगर मैं एक शतक लगा लूंगा तो मैं फिर बड़ी पारी खेल सकता हूं. यह सब सकारात्मक सोचने का नतीजा है.' उन्होंने कहा, 'श्रीलंका आने से पहले मैंने वेस्टइंडीज में अच्छी बल्लेबाजी की थी. मैं उस फॉर्म को यहां भी जारी रखना चाहता था.'
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हेराथ के खिलाफ फुटवर्क का इस्तेमाल
उन्होंने कहा, 'पिछली बार जब हम गॉल के बाद यहां टेस्ट मैच खेले थे तब हमने फैसला किया था हम हेराथ के खिलाफ फुटवर्क का इस्तेमाल करेंगे. इसलिए उनके खिलाफ और बाकी के स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ हमने ऐसा ही किया ताकि हम बैकफुट पर ज्यादा रन बना सकें.' रहाणे ने कहा कि पुजारा के साथ दोहरी शतकीय साझेदारी करना टीम की रणनीति थी. उन्होंने कहा, 'यह स्पिन की मददगार विकेट है और हम अच्छी साझेदारी चाहते थे. मैं कल विराट से भोजनकाल से पहले ड्रेसिंग रूम में बात कर रहा था कि अगर हम 150-200 रनों की साझेदारी कर लेते हैं तो श्रीलंका बैकफुट पर होगी और यही हुआ. मेरे और पुजारा के बीच साझेदारी हुई.'
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क्या है रणनीति
भारतीय उप-कप्तान ने बताया कि दूसरे दिन विकेट किस तरह का व्यवहार कर रही थी. उन्होंने कहा, 'हम जानते थे कि विकेट काफी धीमी है और अगर हम फुटवर्क का इस्तेमाल करेंगे तो हम ज्यादा रन बना सकेंगे. उछाल असीमित था. कुछ गेंद उछाल ले रही थीं जबकि कुछ गेंदे नीची रह रही थीं. हम जानते थे कि अगर वह स्विप शॉट खेलते हैं तो यह हमारे लिए अच्छा होगा, हमारे पास विकेट लेने का मौका होगा.'
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शतक बनाने का था विश्वास
उन्होंने कहा, "यह बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं है. कल हमारे गेंदबाज अहम होंगे. उन्हें सही क्षेत्र में लंबे समय तक गेंदबाजी करनी होगी.' रहाणे ने अपने शतक के बारे में कहा, 'यह बेहद जरूरी शतक था. लेकिन मुझे विश्वास था कि मैं शतक बना लूंगा. नौ-दस टेस्ट मैचों में शतक न लगा पाने के बाद भी मुझे विश्वास था. मैं जानता था कि अगर मैं एक शतक लगा लूंगा तो मैं फिर बड़ी पारी खेल सकता हूं. यह सब सकारात्मक सोचने का नतीजा है.' उन्होंने कहा, 'श्रीलंका आने से पहले मैंने वेस्टइंडीज में अच्छी बल्लेबाजी की थी. मैं उस फॉर्म को यहां भी जारी रखना चाहता था.'
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