
Adam Gilchrist on his Retirement: एडम गिलकिस्ट (Adam Gilchrist) ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 96 टेस्ट मैच खेले हैं. गिलक्रिस्ट विश्व क्रिकेट के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर जाने जाते हैं. बता दें कि गिलक्रिस्ट 100 टेस्ट मैच खेलने से पहले ही रिटायर हो गए हैं. लेकिन उनका टेस्ट से रिटायर होने का फैसला पहले से तय नहीं था बल्कि उन्होंने अचानक ही यह फैसला कर लिया था. एक समय गिलक्रिस्ट ने टेस्ट में 100 टेस्ट मैच खेलने का लक्ष्य बनाया था. लेकिन अपने 96वें टेस्ट मैच के दौरान गिलक्रिस्ट के साथ एक ऐसी घटना घटित हुई जिसके कारण उन्होंने टेस्ट से अलग होने का फैसला कर लिया था.
अब 16 साल के बाद गिलक्रिस्ट ने प्रेयरी फायर के पॉडकास्ट में अपने रिटायरमेंट के फैसले को लेकर बात की है. गिलक्रिस्ट ने खुलासा किया है कि उन्होंने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास क्यों ले लिया था. पॉडकास्ट में अपने फैसले पर बात करते हुए गिलक्रिस्ट ने कहा, "मजेदार बात हुई थी. जब आखिरी बार मैंने टेस्ट मैच खेला था. एडिलेड में भारत के खिलाफ मैंने आखिरी टेस्ट मैच खेला. उस टेस्ट में मैंने ब्रेट ली की गेंद पर एक आसान सा कैच टपका दिया था. उससे एक रात पहले मैं अपनी पत्नी से फोन पर पूरी रात बात की थी और आगे की योजना बना रहा था. क्योंकि हम भारत के खिलाफ सीरीज के बाद वेस्टइंडीज का दौरा करने वाले थे."
महान विकेटकीपर ने आगे कहा, "वेस्टइंडीज के दौरे पर, मैं शायद 99 टेस्ट खेलने वाला था, और उसके बाद हम भारत का दौरा करने वाले थे, और यहीं पर मैं अपना 100वां टेस्ट खेलता, लेकिन एडिलेड टेस्ट में मेरे से वीवीएस लक्ष्मण का कैच ब्रेट ली की गेंद पर छूट गया. मैंने कैच लेने का प्रयास किया था लेकिन लपक नहीं पाया था. वह एक आसान सा कैच होता. गेंद जमीन पर गिरी और फिर मैंने बड़ी स्क्रीन पर रीप्ले देखा, इसे बार-बार देखा और यह शायद 32 दिखाया गया था. "
ऑस्ट्रेलियाई पूर्व विकेटकीपर ने आगे कहा " उसी समय मैं मैथ्यू हेडन के पास गया और कहा कि मेरा काम हो गया अब बस मैं बाहर हूं. मुझे एहसास हो गया था कि मेरे अंदर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता खत्म हो गई है. कैच छूटने के बाद एक पल में मुझे एहसास हो गया कि अब रिटायर होने का समय आ गया है. वेस्टइंडीज़ दौरे की चिंता मत करो, भारत में 100वें टेस्ट की चिंता मत करो, टेस्ट क्रिकेट छोड़ने का फ़ैसला मैंने उसी समय ले लिया था. "
गिलक्रिस्ट ने मैथ्यू हेडन के रिएक्शन पर भी बात की और, उन्होंने कहा कि, "जब मैंने हेडन को इस बारे में बताया था तो उसने मुझे समझाने की कोशिश की थी. उसने मेरी ओर देखा और कहा, 'चलो यार, खुद को मत कोसो, यह पहला कैच नहीं है जिसे तुमने छोड़ा है और शायद यह आखिरी भी नहीं होगा, चलो इसका सामना करो, एक दोस्त से अच्छा समर्थन मिला, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में भारतीय सीरीज़ में वह एक ऐसा पल था जिसे मैं याद करता हूं वह मेरे मेरे टेस्ट करियर का निर्णायक पल था और मुझे कभी इसका पछतावा नहीं है और न कभी हुआ."
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