भारतीय कप्तान विराट कोहली. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के ओपनर अभिनव मुकुंद को नस्लीय टिप्पणी मामले में कप्तान विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन का समर्थन मिला है. कोहली ने ट्वीट किया, बहुत अच्छा कहा अभिनव. मुकुंद ने सोशल मीडिया पर नस्लवादी टिप्पणियों पर करारा जवाब देते हुए कहा है कि अपनी त्वचा के रंग के कारण वह खुद बरसों से यह अपमान झेलते आए हैं.
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ज्वाला गट्टा भी समर्थन में
अश्विन ने लिखा, पढ़ें और सीखें. इसे बड़ा मसला नहीं बनाएं, क्योंकि यह किसी की भावनाएं हैं. यहां तक कि बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा भी मुकुंद का बयान पढ़ने के बाद उनके समर्थन में आईं. अपने ट्विटर पेज पर एक बयान में मुकुंद ने त्वचा के रंग को लेकर भेजे गए कुछ संदेशों पर निराशा जताई है. मुकुंद ने श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा सीरीज में पहला टेस्ट खेलकर दूसरी पारी में 81 रन बनाए थे. तमिलनाडु के इस बल्लेबाज ने स्पष्ट किया कि उनके बयान में भारतीय क्रिकेट टीम के किसी सदस्य से कोई सरोकार नहीं है.
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VIDEO: टेस्ट क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा टॉप पर
क्या कहा था मुकुंद ने
अभिनव मुकुंद ने सोशल मीडिया पर एक पत्र लिखकर नस्लभेद के खिलाफ कड़ी मुहिम छेड़ी थी. मुकुंद बताते हैं कि उनके रंग के कारण उन्हें कई चुभाऊ टिप्पणियां सहनी पड़ीं, जिससे वह कई बार दुखी हो गए. अपने ख़त में उन्होंने नस्लभेद करने वाले लोगों को नसीहत दी है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा, मुझे कई नामों से बुलाया जाता रहा है. मैं इन बातों को हंसकर नजरअंदाज कर देता हूं. मैं ये बचपन से झेल रहा हूं और इन बातों ने मुझे मजबूत बनाया है. मैं ऐसी बातों का जवाब नहीं देता पर आज मैं उन तमाम लोगों की तरफ से बोल रहा हूं जो रंगभेद शिकार हुए हैं. मैं सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि सिर्फ गोरा ही सुंदर रंग नहीं होता.
इनपुट : भाषा
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ज्वाला गट्टा भी समर्थन में
अश्विन ने लिखा, पढ़ें और सीखें. इसे बड़ा मसला नहीं बनाएं, क्योंकि यह किसी की भावनाएं हैं. यहां तक कि बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा भी मुकुंद का बयान पढ़ने के बाद उनके समर्थन में आईं. अपने ट्विटर पेज पर एक बयान में मुकुंद ने त्वचा के रंग को लेकर भेजे गए कुछ संदेशों पर निराशा जताई है. मुकुंद ने श्रीलंका के खिलाफ मौजूदा सीरीज में पहला टेस्ट खेलकर दूसरी पारी में 81 रन बनाए थे. तमिलनाडु के इस बल्लेबाज ने स्पष्ट किया कि उनके बयान में भारतीय क्रिकेट टीम के किसी सदस्य से कोई सरोकार नहीं है.
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क्या कहा था मुकुंद ने
अभिनव मुकुंद ने सोशल मीडिया पर एक पत्र लिखकर नस्लभेद के खिलाफ कड़ी मुहिम छेड़ी थी. मुकुंद बताते हैं कि उनके रंग के कारण उन्हें कई चुभाऊ टिप्पणियां सहनी पड़ीं, जिससे वह कई बार दुखी हो गए. अपने ख़त में उन्होंने नस्लभेद करने वाले लोगों को नसीहत दी है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा, मुझे कई नामों से बुलाया जाता रहा है. मैं इन बातों को हंसकर नजरअंदाज कर देता हूं. मैं ये बचपन से झेल रहा हूं और इन बातों ने मुझे मजबूत बनाया है. मैं ऐसी बातों का जवाब नहीं देता पर आज मैं उन तमाम लोगों की तरफ से बोल रहा हूं जो रंगभेद शिकार हुए हैं. मैं सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि सिर्फ गोरा ही सुंदर रंग नहीं होता.
इनपुट : भाषा
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