इस रणजी सीजन में अभिनव मुकुंद ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है (फाइल फोटो)
शिखर धवन के बैटिंग फॉर्म में आई गिरावट के बाद चयनकर्ता ओपनर के तौर पर विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. इसी कवायद के तहत बांग्लादेश के खिलाफ अगले माह होने वाले टेस्ट मैच के लिए तमिलनाडु के बाएं हाथ के बल्लेबाज अभिनव मुकुंद को टीम में जगह दी गई है. 27 साल के मुकुंद इससे पहले भी टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वर्ष 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किंगस्टन में अपने करियर का आगाज करने वाले अभिनव ने अब तक पांच टेस्ट खेले हैं और 21.10 के औसत से 211रन बनाए हैं, इस दौरान 62 रन उनका सर्वाधिक स्कोर रहा.
मुकुंद ने अपना आखिरी टेस्ट जुलाई 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ नॉटिंघम में खेला था, इसके बाद वे कुछ वर्षों के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट से ओझल हो गए. हालांकि इस बीच कुछ मौकों पर वे भारत 'ए' की टीम में वे स्थान बनाने में सफल रहे. चैंलेंजर ट्रॉफी और रणजी सीजन में तमिलनाडु के खिलाफ अपने दमदार प्रदर्शन की बदौलत मुकुंद ने एक बार फिर चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा. रणजी ट्रॉफी के हालिया सत्र में अभिनव ने 14 पारियों में 800 से ज्यादा रन बनाए जिसमें चार शतक और तीन अर्धशतक शामिल रहे. अभिनव के इसी प्रदर्शन का परिणाम रहा कि नियमित ओपनर मुरली विजय और केएल राहुल के साथ मुकुंद भी टीम इंडिया की टेस्ट टीम में जगह पा गए. यह बात दिलचस्प है कि बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट के लिए टीम इंडिया में चुने गए तीनों ही ओपनर दक्षिण भारत से हैं. जहां मुरली विजय और अभिनव मुकुंद तमिलनाडु से हैं वही लोकेश राहुल घरेलू क्रिकेट में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करते हैं.
अभिनव के पिता टीएस मुकुंद भी उच्च श्रेणी के क्रिकेटर रहे हैं. अभिनव के अनुसार, पिता की प्रेरणा से ही उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया. उन्होंने कहा कि मेरे पिता और मां, मुझे ऊंचे दर्जे के क्रिकेटर के तौर पर देखना चाहते हैं लेकिन वे ये भी चाहते हैं कि मेरे पैर जमीन पर रहें. वैसे, घरेलू क्रिकेट में मुकुंद का रिकॉर्ड खासा प्रभावशाली है. उनकी छवि ऐसे बल्लेबाज की है जिसकी डिफेंस बेहद मजबूत है जो विकेट पर लंगर डालकर बल्लेबाजी करता है. बाएं हाथ का यह बल्लेबाज विकेट पर नजर जमाने के बाद लंबी पारी खेलने में माहिर है. प्रथम श्रेणी मैचों में अभिनव ने 120 मैचों में 48.56 के औसत से 8548 रन बनाए हैं, इस दौरान उन्होंने 26 शतक बनाए. नाबाद 300 उनका सर्वाधिक स्कोर रहा है.
मुकुंद ने अपना आखिरी टेस्ट जुलाई 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ नॉटिंघम में खेला था, इसके बाद वे कुछ वर्षों के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट से ओझल हो गए. हालांकि इस बीच कुछ मौकों पर वे भारत 'ए' की टीम में वे स्थान बनाने में सफल रहे. चैंलेंजर ट्रॉफी और रणजी सीजन में तमिलनाडु के खिलाफ अपने दमदार प्रदर्शन की बदौलत मुकुंद ने एक बार फिर चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा. रणजी ट्रॉफी के हालिया सत्र में अभिनव ने 14 पारियों में 800 से ज्यादा रन बनाए जिसमें चार शतक और तीन अर्धशतक शामिल रहे. अभिनव के इसी प्रदर्शन का परिणाम रहा कि नियमित ओपनर मुरली विजय और केएल राहुल के साथ मुकुंद भी टीम इंडिया की टेस्ट टीम में जगह पा गए. यह बात दिलचस्प है कि बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट के लिए टीम इंडिया में चुने गए तीनों ही ओपनर दक्षिण भारत से हैं. जहां मुरली विजय और अभिनव मुकुंद तमिलनाडु से हैं वही लोकेश राहुल घरेलू क्रिकेट में कर्नाटक का प्रतिनिधित्व करते हैं.
अभिनव के पिता टीएस मुकुंद भी उच्च श्रेणी के क्रिकेटर रहे हैं. अभिनव के अनुसार, पिता की प्रेरणा से ही उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया. उन्होंने कहा कि मेरे पिता और मां, मुझे ऊंचे दर्जे के क्रिकेटर के तौर पर देखना चाहते हैं लेकिन वे ये भी चाहते हैं कि मेरे पैर जमीन पर रहें. वैसे, घरेलू क्रिकेट में मुकुंद का रिकॉर्ड खासा प्रभावशाली है. उनकी छवि ऐसे बल्लेबाज की है जिसकी डिफेंस बेहद मजबूत है जो विकेट पर लंगर डालकर बल्लेबाजी करता है. बाएं हाथ का यह बल्लेबाज विकेट पर नजर जमाने के बाद लंबी पारी खेलने में माहिर है. प्रथम श्रेणी मैचों में अभिनव ने 120 मैचों में 48.56 के औसत से 8548 रन बनाए हैं, इस दौरान उन्होंने 26 शतक बनाए. नाबाद 300 उनका सर्वाधिक स्कोर रहा है.
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