ओल्ड ट्रेफोर्ड में चल रहे चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन गुरुवार को इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत की पहली पारी 152 रनों पर समेटने के बाद अपनी पहली पारी में तीन विकेट पर 113 रन बनाकर मजबूत स्थिति में पहुंच गया। पहली पारी के आधार पर इंग्लैंड अब सिर्फ भारत से 39 रन पीछे रह गया है, जबकि उसके हाथ में अभी सात विकेट शेष हैं।
दिन का खेल समाप्त होने पर इयान बेल 45 रन बनाकर नाबाद लौटे, जबकि खेल की समाप्ति से ठीक पहले नाइटवॉचमैन के तौर पर उतरे क्रिस जॉर्डन खाता खोले बगैर लौटे।
भारत को भुवनेश्वर कुमार और वरुण एरॉन ने एक-एक सफलता दिलाई। शानदार फॉर्म में चल रहे भुवनेश्वर ने सैम रॉबसन (6) को क्लीन बोल्ड कर भारत को जल्द ही पहली सफलता दिला दी। करियर का दूसरा टेस्ट खेल रहे वरुण ने भी कप्तान एलिस्टर कुक (17) को पंकज सिंह के हाथों कैच करवा दिया।
शुरुआती दो झटकों के बाद हालांकि इयान बेल और गैरी बैलेंस (37) ने इंग्लैंड को संभाल लिया। दोनों बल्लेबाजों ने तीसरे विकेट के लिए 77 रनों की साझेदारी निभाई। बैलेंस एरॉन की गेंद पर पगबाधा करार दिए गए।
इससे पहले, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने बेहद शर्मनाक प्रदर्शन किया और पूरी टीम दो सत्रों में ही 152 रन बनाकर ढेर हो गई।
भारत के लिए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (71), रविचंद्रन अश्विन (40) और अजिंक्य रहाणे (24) ही कुछ संघर्ष कर सके। शेष आठ बल्लेबाज मिलकर भारतीय स्कोर में पांच रनों का योगदान दिया। भारतीय टीम 46.4 ओवर ही खेल सकी। इंग्लैंड के लिए स्टुअर्ट ब्रॉड ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 1.82 की इकॉनमी से मात्र 25 रन देकर छह बल्लेबाजों को चलता किया।
गुरुवार की सुबह जब मैच शुरु हुआ तो शुरुआती छह ओवर तो जैसे भारतीय बल्लेबाजों के लिए कहर साबित हुए। जेम्स एंडरसन और ब्रॉड ने तेज स्विंग होती हुई गेंदों पर 5.1 ओवरों में भारत के चार विकेट उखाड़ डाले।
सलामी बल्लेबाज मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली बिना खाता खोले पवेलियन लौटे। लंबे समय के बाद वापसी करने वाले गौतम गंभीर भी सिर्फ चार रन ही बना सके।
कप्तान धोनी के साथ अजिंक्य रहाणे (24) ने पांचवें विकेट के लिए 54 रन जोड़कर टीम को कुछ स्थिरता प्रदान करने की कोशिश की। लेकिन पिछले मैच में एक भी विकेट न पाने वाले क्रिस जॉर्डन ने रहाणे का विकेट चटका अपना खाता खोल लिया। रहाणे भोजनकाल से ठीक पहले इयान बेल को कैच थमा पवेलियन लौटे।
कप्तान धोनी का साथ देने आए रविंद्र जडेजा भोजनकाल तक कुछ गेंदें खेलकर सही सलामत लौटे तो, लेकिन भोजनकाल के बाद वह भी बिना खाता खोले पगबाधा हो बैरंग लौट पड़े। जडेजा को सीरीज में उनके विशेष प्रतिद्वंद्वी एंडरसन ने पवेलियन भेजा।
63 रनों के कुल योग पर छह विकेट गंवा चुकी भारतीय टीम के लिए इसके बाद धोनी और अश्विन ने सबसे बड़ी साझेदारी की। धोनी और अश्विन ने सातवें विकेट के लिए 66 रन जोड़े।
अश्विन को सैम रॉबसन के हाथों कैच कराकर ब्रॉड ने इस जोड़ी को तोड़ा। अश्विन की पारी जैसे शीर्ष भारतीय बल्लेबाजों के लिए नसीहत देने वाली थी। अश्विन बिना किसी भय डर के एकदिवसीय अंदाज में खेल रहे थे। उन्होंने 42 गेंदों की अपनी पारी में तीन चौके और एक छक्का भी लगाया।
अश्विन के जाने के बाद धोनी ने भी रन बनाने में थोड़ी तेजी लाई। सीरीज में तीन अर्धशतक लगा भारत को कई बार उबार चुके भुवनेश्वर कुमार हालांकि इस बार खाता भी नहीं खोल सके और ब्रॉड के चौथे शिकार बने।
धोनी भी ऊंची शॉट लगाने के चक्कर में ब्रॉड की गेंद सीधे रॉबसन की ओर उछाल बैठे, जिसे लपकने में रॉबसन ने कोई गलती नहीं की। धौनी ने 133 गेंदों की अपनी पारी में 15 चौके लगाए।
भारत के छह बल्लेबाज अपना खाता भी नहीं खोल सके। इसके साथ ही भारत ने किसी टेस्ट मैच की एक पारी में सर्वाधिक बल्लेबाजों के शून्य पर आउट होने के मामले में पाकिस्तान की बराबरी कर ली।
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