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This Article is From Mar 31, 2017

विराट कोहली की बैटिंग देखकर खेलना सीखा और कश्‍मीर की क्रिकेट सनसनी बनीं 17 साल की इकरा रसूल, देखें वीडियो..

विराट कोहली की बैटिंग देखकर खेलना सीखा और कश्‍मीर की क्रिकेट सनसनी बनीं 17 साल की इकरा रसूल, देखें वीडियो..
इकरा रसूल को बल्‍लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में महारत हासिल है
यदि 'दंगल' फिल्‍म क्रिकेट पर आधारित होती तो संभवत: यह कश्‍मीर की 17 साल की लड़की इकबाल रसूल के जीवन पर केंद्रित होगी. इकरा कश्‍मीर में क्रिकेट की सनसनी बनकर उभरी हैं. मजे की बात यह है कि उनका सरनेम रसूल है, इसी सरनेम के परवेज रसूल कश्‍मीर सूबे के खिलाड़ी हैं और शॉर्टर फॉर्मेट के क्रिकेट में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं. दाएं हाथ से बल्‍लेबाजी और ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने वाले परवेज रसूल की गिनती देश के आला आलराउंडरों में की जाती है.

इकरा आतंकवाद से प्रभावित सोपोर के दूरदराज के इलाके दांगीवाचा से हैं. यह क्षेत्र उत्‍तरी कश्‍मीर में आता है. इकरा ने टीम इंडिया के कप्‍तान विराट कोहली को बैटिंग करते देखकर इस कला में महारत हासिल की. यही नहीं, विराट के खेल कौशल की फैन इकरा ने विराट को उन्‍हें मार्गदर्शन देने के लिए कई पत्र भी लिखे थे हालांकि ये पत्र कभी विराट कोहली तक नहीं पहुंच पाए. इकरा बताती हैं, 'मैं बचपन से ही क्रिकेट खेलना चाहती थी, लेकिन यह ये मेरे लिए जुनून बन चुका है.' क्‍यों, यह पूछने पर इस 17 साल की लड़की ने कहा कि यह मुझे सम्‍मान और नाम देगा. इससे ज्‍यादा आप क्‍या चाहते हैं? मैं भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना चाहती हूं. देखें वीडियो...



इकरा दांगीवाचा के सरकारी हाईस्‍कूल की स्‍टार क्रिकेटर कही जाती है. क्रिकेट में महारत के कारण लड़कियां ही नहीं, लड़के भी उन्‍हें अपनी टीम को हिस्‍सा बनाना चाहते हैं. स्‍कूल के 12वीं के छात्र अकीब बताते हैं कि जब हम उसके साथ खेलते हैं तो हमें काफी कुछ सीखने को मिलता है. उसकी प्रतिभा विलक्षण हैं, हम उसे मुकाबला देने में कठिनाई महसूस करते हैं.  कोच मनोज सिंह भी इकरा को विलक्षण प्रतिभा की खिलाड़ी मानते हैं. उन्‍होंने कहा, 'उसमें गजब की प्रतिभा है. यदि कोई प्रायोजक बनकर सुविधाएं दिलाने के लिएक आगे आए तो इकरा और बेहतर कर सकती है.' वैसे छह भाई-बहनों में सबसे छोटी इकरा के लिए जिंदगी आसान नहीं रही है. क्रिकेट खेलने के लिए इकरा को अपने गांव और परिवार के लोगों के ही ताने सुनने पड़ते थे. इस कारण वह अपने क्रिकेट के साजोसामान को छुपाकर रखती थी.

वह बताती हैं, 'मैं बल्‍ले का छुपाकर क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए जाती थी. मैं हर दिन शाम को स्‍कूल में अभ्‍यास करती थी.' बल्‍ला छुपाकर ले जाने का कारण बताते हुए उन्‍होंने कहा, मुझे गांव वालों की क्रिकेट नहीं खेलने की हिदायत दी जाती थी, लेकिन मैंने इसे नहीं माना और आगे बढ़ने का फैसला किया. ऑलराउंडर की हैसियत से खेलने वाली इकरा की आंखों में एक सपना है. वे इंटरनेशनल स्‍तर पर देश का प्रतिनिधित्‍व करना चाहती हैं. इकरा जानती है कि इसकी राह आसान नहीं है और इसके लिए उन्‍हें प्रोत्‍साहन के साथ-साथ समर्थन-मदद की भी जरूरत होगी.

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