नई दिल्ली:
ऑस्ट्रेलियाई टीम एजबेस्टन टेस्ट महज तीन दिनों के भीतर हार गई है. इंग्लैंड की जोरदार जीत की वजह बताते हुए कंगारू कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा, '11 खिलाड़ियों वाली टीम को 10 खिलाड़ियों के साथ हराना हमेशा मुश्किल होता है।'
चौंकिए नहीं, क्लार्क इस टेस्ट में खुद को टीम का हिस्सा नहीं मान रहे थे. उन्होंने एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में 10 और दूसरी पारी में महज 3 रन बनाए. इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड की दूसरी पारी में एक आसान सा कैच भी टपका दिया. ऐसे में टीम में उनकी जगह पर भी सवाल उठ रहे हैं. क्लार्क खुद भी अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं.
मैच के बाद मीडिया से बातचीत में क्लार्क ने कहा, 'मेरा प्रदर्शन टीम के कप्तान जैसा नहीं था. कप्तान के तौर पर मुझे ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाने चाहिए ताकि दूसरे खिलाड़ियों को प्रेरित कर सकूं. इसको लेकर मेरी सोच हमेशा साफ रही है.'
हालांकि अपनी कमी के बावजूद क्लार्क को भरोसा है कि वे अभी टीम में जगह के हकदार हैं और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश करते रहेंगे. उन्होंने कहा, 'नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करना हमेशा मुश्किल भरा होता है. मेरा खुद पर भरोसा कायम है. मैं लगातार मेहनत कर रहा हूं. मुझे उम्मीद है कि मैं अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब हो पाऊंगा.'
कप्तान के तौर पर भी क्लार्क को भरोसा है कि उनकी टीम ऐशेज़ टेस्ट में जोरदार वापसी करने में कामयाब होगी. उन्होंने कहा, 'हमें चीजों को बदलना होगा और खुद पर भरोसा कायम रखना होगा. हमने कुछ ही दिन पहले अच्छा प्रदर्शन किया है. हमें भी बदलना होगा और खुद को नॉटिंघम टेस्ट के लिए तैयार करना होगा.'
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच ऐशेज़ सीरीज़ का चौथा टेस्ट नॉटिंघम में 6 अगस्त को शुरू होगा.
चौंकिए नहीं, क्लार्क इस टेस्ट में खुद को टीम का हिस्सा नहीं मान रहे थे. उन्होंने एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में 10 और दूसरी पारी में महज 3 रन बनाए. इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड की दूसरी पारी में एक आसान सा कैच भी टपका दिया. ऐसे में टीम में उनकी जगह पर भी सवाल उठ रहे हैं. क्लार्क खुद भी अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं.
मैच के बाद मीडिया से बातचीत में क्लार्क ने कहा, 'मेरा प्रदर्शन टीम के कप्तान जैसा नहीं था. कप्तान के तौर पर मुझे ज़्यादा से ज़्यादा रन बनाने चाहिए ताकि दूसरे खिलाड़ियों को प्रेरित कर सकूं. इसको लेकर मेरी सोच हमेशा साफ रही है.'
हालांकि अपनी कमी के बावजूद क्लार्क को भरोसा है कि वे अभी टीम में जगह के हकदार हैं और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश करते रहेंगे. उन्होंने कहा, 'नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करना हमेशा मुश्किल भरा होता है. मेरा खुद पर भरोसा कायम है. मैं लगातार मेहनत कर रहा हूं. मुझे उम्मीद है कि मैं अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब हो पाऊंगा.'
कप्तान के तौर पर भी क्लार्क को भरोसा है कि उनकी टीम ऐशेज़ टेस्ट में जोरदार वापसी करने में कामयाब होगी. उन्होंने कहा, 'हमें चीजों को बदलना होगा और खुद पर भरोसा कायम रखना होगा. हमने कुछ ही दिन पहले अच्छा प्रदर्शन किया है. हमें भी बदलना होगा और खुद को नॉटिंघम टेस्ट के लिए तैयार करना होगा.'
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच ऐशेज़ सीरीज़ का चौथा टेस्ट नॉटिंघम में 6 अगस्त को शुरू होगा.
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