
प्रतीकात्मक फोटो.
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पहले कोर्ट ने कहा था- ऐसा लग रहा है कि मोरल पुलिसिंग हो रही
राज्य सरकार के कड़े नियमों से मुंबई में डांस बार नहीं चल पा रहे
कोर्ट ने कहा था- समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा बदल गई
कोर्ट ने कहा कि जीविका कमाने का अधिकार सभी को पर राज्य की जिम्मेदारी है कि सभी के अधिकारों और हितों का भी खयाल रखा जाए.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुंबई में ऐसा लग रहा है कि मोरल पुलिसिंग हो रही है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के कड़े नियमों की वजह से मुंबई में एक भी डांस बार का परिचालन नहीं हो पा रहा है.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समय के साथ अश्लीलता की परिभाषा भी बदल गई है. कोर्ट ने कहा कि पुरानी फिल्मों में चुंबन और प्यार भरे दृश्यों के लिए दो फूलों का मिलना और दो पक्षियों का चहचहाना दिखाया जाता था. डांस बार मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनका लाइसेंस रिन्यूवल नहीं हो रहा है. नए लाइसेंस भी नहीं मिल रहे हैं.
VIDEO : डांस बारों में बने तहखाने
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के आदेश में राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी को हटा लिया था. लेकिन राज्य सरकार ने नए लाइसेंस व पुराने लाइसेंस को लेने के लिए नियम कड़े कर दिए थे जिसकी वजह से डांस बार मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बार मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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