
पुलिस का कहना है कि आरोप बेबुनियाद है
नई दिल्ली:
गुड़गांव में अपने मकान मालिक द्वारा कथित रूप से रेप की शिकार एक किशोरी ने आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिस ने शिकायत दर्ज करने में बाधा खड़ी की और उसे प्रताड़ित भी किया। हालांकि पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया है।
लड़की ने एनडीटीवी को बताया कि 23 नवंबर को धरमवीर ठकरान रात में जबरन उसके कमरे में घुस आया और हथियार दिखाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने धमकी दी कि वह किसी को भी इस घटना के बारे में जानकारी न दे। दो दिन बाद उसके साथ इस तरह की वारदात फिर दोहराई गई। इसके बाद जब वह पुलिस के पास पहुंची तो उसे घर जाने को कह दिया गया। उसने एनडीटीवी से कहा, जब मैं गुड़गांव पुलिस कमिश्नर नवदीप सिंह विर्क से मिलने गई तो उन्होंने मुझे भगा दिया। उन्होंने मुझे कहा कि यहां तुम्हारा कोई काम नहीं किया जाएगा।
उसने कहा कि पुलिस ने आरोपी को हिरासत में भी नहीं लिया, क्योंकि वह एक प्रभावशाली आदमी है, जिसके पास कई संपत्तियां हैं। पुलिस के रवैये से हैरान-परेशान और काफी डरी होने की वजह से लुधियाना की रहने वाली इस 18 साल की लड़की ने स्थानीय गुरुद्वारा में रात बिताई। अगले दिन वह फिर पुलिस के पास पहुंची। पुलिस उसे वूमेन सेल में लेकर गई। लेकिन लड़की ने बताया कि वहां उससे एक कागज पर यह लिखवाया गया कि 'वह सिर्फ कमिश्नर से मिलने आई, न कि कोई एफआईआर दर्ज कराने के लिए।' बाद में सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से एफआईआर दर्ज की गई। सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि मेडिकल जांच में लड़की के साथ रेप की पुष्टि हुई है।
लड़की ने बताया कि एसीपी और एसएचओ उसे परेशान कर रहे थे और उससे घर लौट जाने को कह रहे थे। पुलिस ने कहा कि सारे आरोप निराधार हैं। पुलिस ने यह भी कहा कि कोर्ट में लड़की की अपील में उन पुलिस वालों के नामों का भी जिक्र नहीं किया गया है, जिन्होंने कथित रूप से उसे परेशान किया।
सदर पुलिस की असिस्टेंट कमिश्नर धारणा यादव ने कहा कि लड़की ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए भी अपनी पहचान का खुलासा नहीं किया। महिला पुलिस थाने में उसके साथ पूरी संवेदनशीलता और एहतियात के साथ बर्ताव किया गया और शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कर ली गई।
गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर नवदीप सिंह विर्क ने एनडीटीवी से कहा कि लड़की के आरोप बेबुनियाद हैं। मुझसे मिलने के लिए आने वाले सभी लोगों से मैं मिलता हूं। लड़की अपने परिवार के साथ अब पंजाब लौट गई है। पुलिस ने कहा कि फरार आरोपी को पकड़ने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
लड़की ने एनडीटीवी को बताया कि 23 नवंबर को धरमवीर ठकरान रात में जबरन उसके कमरे में घुस आया और हथियार दिखाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने धमकी दी कि वह किसी को भी इस घटना के बारे में जानकारी न दे। दो दिन बाद उसके साथ इस तरह की वारदात फिर दोहराई गई। इसके बाद जब वह पुलिस के पास पहुंची तो उसे घर जाने को कह दिया गया। उसने एनडीटीवी से कहा, जब मैं गुड़गांव पुलिस कमिश्नर नवदीप सिंह विर्क से मिलने गई तो उन्होंने मुझे भगा दिया। उन्होंने मुझे कहा कि यहां तुम्हारा कोई काम नहीं किया जाएगा।
उसने कहा कि पुलिस ने आरोपी को हिरासत में भी नहीं लिया, क्योंकि वह एक प्रभावशाली आदमी है, जिसके पास कई संपत्तियां हैं। पुलिस के रवैये से हैरान-परेशान और काफी डरी होने की वजह से लुधियाना की रहने वाली इस 18 साल की लड़की ने स्थानीय गुरुद्वारा में रात बिताई। अगले दिन वह फिर पुलिस के पास पहुंची। पुलिस उसे वूमेन सेल में लेकर गई। लेकिन लड़की ने बताया कि वहां उससे एक कागज पर यह लिखवाया गया कि 'वह सिर्फ कमिश्नर से मिलने आई, न कि कोई एफआईआर दर्ज कराने के लिए।' बाद में सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से एफआईआर दर्ज की गई। सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि मेडिकल जांच में लड़की के साथ रेप की पुष्टि हुई है।
लड़की ने बताया कि एसीपी और एसएचओ उसे परेशान कर रहे थे और उससे घर लौट जाने को कह रहे थे। पुलिस ने कहा कि सारे आरोप निराधार हैं। पुलिस ने यह भी कहा कि कोर्ट में लड़की की अपील में उन पुलिस वालों के नामों का भी जिक्र नहीं किया गया है, जिन्होंने कथित रूप से उसे परेशान किया।
सदर पुलिस की असिस्टेंट कमिश्नर धारणा यादव ने कहा कि लड़की ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए भी अपनी पहचान का खुलासा नहीं किया। महिला पुलिस थाने में उसके साथ पूरी संवेदनशीलता और एहतियात के साथ बर्ताव किया गया और शिकायत मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कर ली गई।
गुड़गांव के पुलिस कमिश्नर नवदीप सिंह विर्क ने एनडीटीवी से कहा कि लड़की के आरोप बेबुनियाद हैं। मुझसे मिलने के लिए आने वाले सभी लोगों से मैं मिलता हूं। लड़की अपने परिवार के साथ अब पंजाब लौट गई है। पुलिस ने कहा कि फरार आरोपी को पकड़ने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
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