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This Article is From Feb 22, 2020

पायल तड़वी सुसाइड केस : आरोपियों को पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने की इजाजत नहीं मिली

हाईकोर्ट ने आरोपी तीन महिला डॉक्टरों को बीवाईएल नायर अस्पताल से पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया

पायल तड़वी सुसाइड केस : आरोपियों को पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने की इजाजत नहीं मिली
पायल तड़वी (फाइल फोटो).
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
हेमा आहूजा, भक्ति मेहर और अंकिता खंडेलवाल हैं केस में आरोपी
मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकती हैं
विशेष अदालत को दस महीने के भीतर सुनवाई पूरी करने का निर्देश
मुंबई:

बंबई हाईकोर्ट ने पायल तड़वी आत्महत्या मामले में आरोपी तीन महिला डॉक्टरों को यहां बीवाईएल नायर अस्पताल से पोस्ट ग्रेजुएशन (स्नातकोत्तर) की पढ़ाई पूरी करने की अनुमति देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. तीनों महिलाओं पर तड़वी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है. जस्टिस साधना जाधव ने कहा कि तीनों डॉक्टर हेमा आहूजा, भक्ति मेहर और अंकिता खंडेलवाल स्नातक हैं और वे मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद परा स्नातक (पोस्ट ग्रेजुएशन) की पढ़ाई कर सकती हैं. हाईकोर्ट ने विशेष अदालत को दस महीने के भीतर सुनवाई पूरी करने का भी निर्देश दिया.

उच्च न्यायालय ने अगस्त 2019 में तीनों डॉक्टरों को जमानत देते हुए उन्हें नगर निकाय द्वारा संचालित बीवाईएल नायर अस्पताल में प्रवेश नहीं करने का निर्देश दिया था और सुनवाई पूरी होने तक उनके मेडिकल लाइसेंस को भी निलंबित कर दिया था.

बीवाईएल नायर अस्पताल से जुड़ी द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा पायल तड़वी ने 22 मई 2019 को अस्पताल परिसर में अपने छात्रावास के कमरे में आत्महत्या कर ली थी. तड़वी ने अपने सुसाइड नोट में तीन वरिष्ठ महिला डॉक्टरों को उनकी हालत के लिए और उन्हें परेशान करने के लिए जिम्मेदार ठहराया था.

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