छत्तीसगढ़ के नौ शहरों के लिए शुरू होगा मिशन अमृत

छत्तीसगढ़ के नौ शहरों के लिए शुरू होगा मिशन अमृत

प्रतीकात्मक तस्वीर

रायपुर:

छत्तीसगढ़ के नौ शहरों के लिए मिशन अमृत शुरू होगा। लगभग 1,998 करोड़ रुपये की कार्य योजना के लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति दे दी है।

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में मिशन अमृत (अटल नवीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन) के लिए 1,998 करोड़ रुपये की कार्य योजना को स्वीकृति दे दी है। स्वीकृत राशि में से भारत सरकार द्वारा 870 करोड़ रुपये की राशि आगामी तीन वर्षों में उपलब्ध कराई जाएगी। शेष राशि का वहन राज्य सरकार और नगरीय निकायों द्वारा किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में सचिव, शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति की बैठक में यह स्वीकृति प्रदान की गई।

एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नौ शहरों का चयन किया गया
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा अमृत मिशन के तहत वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर राज्य के एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नौ शहरों का चयन किया गया है। इन शहरों में प्राथमिकता के आधार पर जल प्रदाय-जल आवर्धन योजना, भूमिगत सीवरेज सह सेप्टेज प्रबंधन, पार्किंग और मनोरंजन स्थलों का विकास आदि की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।

शहरों के सभी आवास गृहों में नल कनेक्शन
इस मिशन के तहत इन सभी नौ शहरों के सभी आवास गृहों में नल कनेक्शन द्वारा शुद्घ पेयजल की व्यवस्था की जाएगी जिसकी निगरानी स्काडा सॉफ्टवेर के माध्यम से की जाएगी। शुद्घ पेयजल उपलब्ध करने के लिए आवश्यकतानुसार एनीकट, उच्च स्तरीय जलागार, जल शोधन संयंत्र और पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी किया जाएगा।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान और सक्शन यूनिट क्रय किए जाने का भी प्रावधान
अधिकारियों ने बताया कि राजधानी रायपुर और बिलासपुर में सीवरेज सह सेप्टेज प्रबंधन तथा अन्य सात शहरों में सेप्टेज प्रबंधन के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान और सक्शन यूनिट क्रय किए जाने का भी प्रावधान है। इसके अलावा इन शहरों के सभी सेप्टिक टैंकों का एमआईएस तैयार कर निश्चित समयावधि में साफ-सफाई और उपचार करने का प्रावधान भी है।

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उन्होंने बताया कि सभी नौ शहरों में हरित क्षेत्रों का विकास करने के साथ साथ आमोद-प्रमोद के लिए बाल उद्यानों के विकास का भी प्रावधान है, जिससे अमृत मिशन के सभी शहरों का सुनियोजित विकास हो सके।