पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को एमफिल और पीएचडी शोधार्थियों के लिए नॉन-नेट फेलोशिप फिर से शुरू करने के लिए पत्र लिखा है. नॉन नेट फेलोशिप को केंद्र सरकार ने वापस ले लिया था.
ममता बनर्जी ने कोलकाता में राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, 'मैंने कठोर शब्दों में पत्र लिखा है और केंद्र से कहा है कि वह फेलोशिप वापसी के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे.' उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिला पाने वाले शोधार्थियों को नॉन-नेट फेलोशिप प्रदान करने के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित करेगी.
मुख्यमंत्री ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'जिले में प्रशासनिक समीक्षा बैठकों में विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ अपने संवाद के दौरान उन लोगों ने एमफिल और पीएचडी शोधार्थियों को यूजीसी द्वारा दी जाने वाली नॉन-नेट फेलोशिप को रोके जाने की वजह से पैदा हुई गंभीर परेशानी को मेरे संज्ञान में लाया.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ममता बनर्जी ने कोलकाता में राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, 'मैंने कठोर शब्दों में पत्र लिखा है और केंद्र से कहा है कि वह फेलोशिप वापसी के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे.' उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिला पाने वाले शोधार्थियों को नॉन-नेट फेलोशिप प्रदान करने के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित करेगी.
मुख्यमंत्री ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'जिले में प्रशासनिक समीक्षा बैठकों में विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ अपने संवाद के दौरान उन लोगों ने एमफिल और पीएचडी शोधार्थियों को यूजीसी द्वारा दी जाने वाली नॉन-नेट फेलोशिप को रोके जाने की वजह से पैदा हुई गंभीर परेशानी को मेरे संज्ञान में लाया.'
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