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This Article is From Apr 04, 2017

करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे करने वाले IAS अफसर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 36 करोड़ की संपत्ति कुर्क

करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे करने वाले IAS अफसर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 36 करोड़ की संपत्ति कुर्क
प्रतीकात्मक चित्र
  • छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अफसर बाबूलाल अग्रवाल पर ईडी की कार्रवाई
  • अग्रवाल ने गांववालों के नाम पर खाते खोलकर नकदी जमा करवाई थी
  • फरवरी में सीबीआई ने अग्रवाल को किया था गिरफ्तार
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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) की जांच के सिलसिले में छत्तीसगढ़ कैडर के एक आईएएस अधिकारी की 36 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. एजेंसी ने कहा कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया और राज्य के प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी बाबूलाल अग्रवाल और रायपुर के मैसर्स प्राइम इस्पात लिमिटेड की संपत्तियां कुर्क की.

ईडी ने नौकरशाह द्वारा आय से अधिक संपत्ति कथित रूप से अर्जित करने के आरोपों पर 2010 में सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर उनके खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था. एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि अग्रवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए गांववालों के नाम पर बड़ी संख्या में खाते खोले और फिर इन खातों में नकदी जमा की गई. इसमें कहा गया कि इन राशियों को फर्जी कंपनियों में डाला गया और इन फर्जी कंपनियों ने इस धन से अग्रवाल के भाइयों की मालिकाना कंपनी मैसर्स प्राइम इस्पात लिमिटेड में हिस्सेदारी ली. सीबीआई ने फरवरी में अग्रवाल को गिरफ्तार किया था.

ईडी ने मैसर्स प्राइम इस्पात लिमिटेड की 4.40 करोड़ रुपये की 70.78 एकड़ जमीन, 23.89 करोड़ रुपये के संयंत्र और मशीनरी, 7.07 करोड़ रुपये की फैक्ट्री इमारत और एक इनोवा कार कुर्क की. इसके साथ ही अग्रवाल का 55 लाख रुपये का 2482 वर्ग फुट क्षेत्र का आवासीय घर और 4.61 लाख रुपये का 4391 वर्ग फुट में फैला भूखंड कुर्क किया.
(इनपुट भाषा से)

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