प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक मोबाइल ऐप की शुरआत की है, जिसके जरिये वे आपात स्थिति में पुलिस से त्वरित संपर्क साध सकते हैं. अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर आयोजित एक समारोह में दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में 'दिल्ली पुलिस सीनियर सिटिजन' ऐप की शुरुआत की.
यह ऐप किसी भी तरह के संकट या चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति में बुजुर्गों के लिए सहायक सिद्ध होगा. वे ऐप के जरिये एक एसओएस संदेश भेज पाएंगे, जो तत्काल संबंधित थानाध्यक्ष और बीट कांस्टेबल को पहुंच जाएगा. इस ऐप की खूबियों और इसके इस्तेमाल के तरीकों के बारे में पुलिस आयुक्त वर्मा ने बताया कि ऐप पर रजिस्टर कर चुके लोग एसओएस बटन दबाकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाए गए हेल्पलाइन नंबर 1291 पर आपात फोन कर सकेंगे.
फोन करने वाले की स्थिति के साथ एक अलर्ट 24 घंटे काम करने वाले नियंत्रण कक्ष में पहुंच जाएगा. साथ ही इलाके के थानाध्यक्ष, बीट अधिकारी और पहले से दिये गये नंबर पर संदेश चला जाएगा. इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान जंग ने पुलिस को जागरूकता शिविरों का आयोजन करने के लिए कहा ताकि वैसे बुजुर्गों को ऐप के बारे में जानकारी दी जा सके जो तकनीक का इस्तेमाल बहुत अधिक नहीं करते हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह ऐप किसी भी तरह के संकट या चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति में बुजुर्गों के लिए सहायक सिद्ध होगा. वे ऐप के जरिये एक एसओएस संदेश भेज पाएंगे, जो तत्काल संबंधित थानाध्यक्ष और बीट कांस्टेबल को पहुंच जाएगा. इस ऐप की खूबियों और इसके इस्तेमाल के तरीकों के बारे में पुलिस आयुक्त वर्मा ने बताया कि ऐप पर रजिस्टर कर चुके लोग एसओएस बटन दबाकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाए गए हेल्पलाइन नंबर 1291 पर आपात फोन कर सकेंगे.
फोन करने वाले की स्थिति के साथ एक अलर्ट 24 घंटे काम करने वाले नियंत्रण कक्ष में पहुंच जाएगा. साथ ही इलाके के थानाध्यक्ष, बीट अधिकारी और पहले से दिये गये नंबर पर संदेश चला जाएगा. इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान जंग ने पुलिस को जागरूकता शिविरों का आयोजन करने के लिए कहा ताकि वैसे बुजुर्गों को ऐप के बारे में जानकारी दी जा सके जो तकनीक का इस्तेमाल बहुत अधिक नहीं करते हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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