दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के होम आइसोलेशन पर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्टता जारी की है. आदेश के मुताबिक रोज़ाना जो कोरोना मामले रिपोर्ट होंगे उनका फिजीकल वेरिफिकेशन 24 घंटे के भीतर सुनिश्चित करवाना डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी होगी.
दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक में जो फैसला लिया गया उसका तुरंत प्रभाव से चीफ डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर, डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर और अन्य उपलब्ध संसाधन के ज़रिए पालन करवाने का निर्देश डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को दिया गया है. DM जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त स्टाफ और संसाधन की मदद से सर्विलांस टीम बढ़ा सकते हैं जिससे आदेश का ठीक से पालन हो सके और रोजाना सामने आ रहे मामले नियमानुसार अटेंड हो सकें.
आपको बता दें कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की काउंसलिंग के लिए दिल्ली सरकार ने बाकायदा एक कंपनी आउटसोर्स की हुई थी जो होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को फोन करके उन्हें बताती थी कि उन्हें क्या करना है, कैसे करना है आदि. लेकिन अब वह कंपनी केवल पुराने होम आइसोलेशन वाले मरीजों तक ही सीमित कर दी गई है जबकि अब जो भी नए संक्रमण के मामले आ रहे हैं उनकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन के हाथ में दे दी गई है.
इससे पहले शनिवार को दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किया था जिसमें उपराज्यपाल अनिल बैजल के दिए गए आदेश ' हर कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को 5 दिन क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहना अनिवार्य होगा' में संशोधन किया गया था. आदेश में कहा गया था कि दिल्ली में सभी कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों को कोविड केयर सेंटर में क्लीनिकल और भौतिक परिस्थितियों (घर की स्तिथि) के मूल्यांकन के बाद ही होम आइसोलेशन को चुनने की सुविधा दी जाएगी.
यानी अब सभी कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों को पहले कोविड केयर सेंटर रेफेर किया जाएगा. कोविड केयर सेंटर में मरीज़ की क्लीनिकल स्तिथी, बीमारी की गंभीरता और co-morbidities यानि अन्य गंभीर पुरानी बीमारियों का होना.... इन सभी का मूल्यांकन किया जाएगा. इसके साथ ही मरीज़ की भौतिक स्तिथी का भी मूल्यांकन किया जाएगा कि क्या उसके पास होम आइसोलेशन के लिए ज़रूरी सुविधाएं जैसे न्यूनतम 2 कमरे और अलग टॉयलेट उपलब्ध है या नहीं ताकि परिवार और पड़ोसियों में संक्रमण न फैले.
आदेश के मुताबिक अगर मरीज़ के पास होम आइसोलेशन के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं और उसके क्लिनिकल assesment में कोई co-morbidites नहीं पाई जाती है और hospitalization की ज़रुरत नहीं है, तब ऐसी स्तिथी में मरीज़ को प्रस्ताव दिया जायेगा कि वो चाहे तो कोविड केयर सेंटर या पेड आइसोलेशन सुविधा में रह सकता है या फिर होम आइसोलेशन को चुन सकता है. लेकिन बाकी सभी मरीज़ों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के आधार पर कोविड केयर सेंटर में ही रहना होगा.
इसके साथ ही जो लोग होम आइसोलेशन में हैं उन्हें होम आइसोलेशन की सभी गाइडलाइंस का पालन करना होगा और मेडिकल सहायता देने वाले लोगों के सम्पर्क में रहना होगा ताकि अगर मरीज़ की तबियत बिगड़ती है तो उसे कोविड हॉस्पिटल में भेजा जा सके.
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