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This Article is From Mar 01, 2021

दिल्ली: डीटीसी बोर्ड मीटिंग में 1000 एसी लो फ्लोर सीएनजी बसों की खरीद को मंजूरी

बोर्ड ने प्रति बस 7,50,000 किलोमीटर तक 12 वर्ष के लिए बसों के वार्षिक रखरखाव के लिए बीमा धनराशि को मंजूरी दी

दिल्ली: डीटीसी बोर्ड मीटिंग में 1000 एसी लो फ्लोर सीएनजी बसों की खरीद को मंजूरी
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

दिल्ली के परिवहन मंत्री  कैलाश गहलोत की अध्यक्षता में आज दिल्ली परिवहन निगम के निदेशक मंडल की बैठक हुई. बैठक के दौरान, डीटीसी बोर्ड ने 1000 एसी लो फ्लोर सीएनजी (बीएस- VI अनुपालित ) बसों की खरीद के लिए धनराशि को मंजूरी दी. बोर्ड ने प्रति बस 7,50,000 किलोमीटर तक 12 वर्ष के  के लिए बसों के वार्षिक रखरखाव के लिए बीमा धनराशि को भी मंजूरी दी. ये नई लो फ्लोर सीएनजी बसें स्टेट ऑफ द आर्ट सुविधाओं जैसे रियल-टाइम पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम, सीसीटीवी, पैनिक बटन, जीपीएस से लैस होंगी , साथ ही विकलांग यात्रियों की सुविधाओं का भी इन बसों में खास ध्यान रखा गया है.  

डीटीसी कर्मचारियों के कल्याण से संबंधित एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में, बोर्ड ने ग्रेच्युटी की सीमा को  10 लाख रुपये से बढ़ाकर  20 लाख रुपये करने की मंजूरी दी. इस कदम से सभी डीटीसी कर्मचारियों को लाभ होगा और उनकी सेवानिवृत्ति के लाभों में  भी वृद्धि होगी.

बोर्ड मीटिंग के बाद जारी एक बयान में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, " आज, हमने 1000 लो फ्लोर सीएनजी बसों की खरीद के साथ-साथ  इन बसों के व्यापक वार्षिक रखरखाव के लिए धनराशि को भी मंजूरी दी है. इस फैसले से  बसों के डाउनटाइम को कम करने के साथ-साथ यात्री -अनुभव को और बेहतर बनाने मे मदद मिलेगी.“

DTC के बेड़े में शामिल होंगी इलेक्ट्रिक बसें 

दिल्ली परिवहन निगम बोर्ड ने दिल्ली में 300 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने को मंजूरी दी है. दिल्ली सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्विच दिल्ली अभियान के तहत पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूती देने के लिए इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया जा रहा है. इससे पहले स्विच दिल्ली अभियान के तहत दिल्ली सरकार के सभी विभागों में इस्तेमाल किये जाने वाले वाहनों को 6 महीने में इलेक्ट्रिक वाहनों से रिप्लेस करने का निर्णय लिया गया है.

दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने टाटा नेक्सन के इलेक्ट्रिक व्हीकल कार मॉडल पर दी जाने वाली सब्सिडी को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया है. टाटा नेक्सन के इलेक्ट्रिक व्हीकल मॉडल के सब स्टैंडर्ड परफॉर्मेंस को लेकर परिवहन विभाग को कई शिकायतें मिली थीं जिसके चलते ये आदेश जारी किया गया है. 

शिक़ायतकर्ताओं से मिली शिकायतों और टाटा मोटर्स लिमिटेड की ओर से किये गये दावों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है जिसकी फाइनल रिपोर्ट अभी पेंडिंग है.  कमेटी में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट, DIMTS, टाटा मोटर्स लिमिटेड और किसी अन्य प्रतिष्ठित संस्थान के प्रतिनिधि शामिल हैं.  कमेटी की फाइनल रिपोर्ट आने तक टाटा नेक्सन के इलेक्ट्रिक व्हीकल को दी जाने वाली सबसिडी की योग्यता से बाहर रखा गया है.

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