बजट के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले इंटरव्यू में NDTV के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया से एक्सक्लूसिव बात की. इस दौरान वित्त मंत्री ने बजट 2025-26 के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि बजट 2025-26 के बाद प्राइवेट सेक्टर भी अब अपना इन्वेस्टमेंट बढ़ाएगा. साथ ही नई तकनीक की जरूरतों पर भी बात की.
सवाल-प्राइवेट सेक्टर के बारे में ये बजट एक्सप्रेस करता है कि अब शायद वो लोग इन्वेस्ट करना शुरू करेंगे. मैं आपसे ये जानना चाहता हूं कि अभी तक वो इन्वेस्ट क्यों नहीं कर रहे थे. आप किस वजह से कॉन्फिडेंट हैं कि इस बजट के बाद अब वो इन्वेस्टमेंट शुरू करेंगे?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "मैं मानती हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह सरकार लगातार पब्लिक इन्वेस्टमेंट और पब्लिक सेक्टर का रोल बढ़ाने में लगातार काम कर रही है. डिसइन्वेस्टमेंट जैसी पॉलिसियों के जरिए हम इको सिस्टम तैयार कर रहे हैं कि ज़्यादा इन्वेस्टमेंट इस देश में हो. डोमेस्टिक और फॉरेन इन्वेस्टमेंट सब बढ़े. इसके लिए लेजिस्लेटिव एंड इको सिस्टम बढ़ाने में पूरी मदद दे रहे हैं. कॉर्पोरेट टैक्स रेट को 2019 में कम किया. उस समय का सीरियस प्रॉब्लम था ट्वीन बैलेंस शीट का, वो सब अभी खत्म हो गया है. बैंक भी अच्छे हेल्थ में आ गए हैं. कंपनियां भी अच्छे हेल्थ में आ गई हैं. आप सही कह रहे हैं कि पैसिव इन्वेस्टमेंट करने के लिए प्राइवेट सेक्टर अभी इंतज़ार कर रहे हैं. अभी अगर कंजम्पशन बढ़ता है और उसके तहत लगता है कि ग्रेटर इन्वेस्टमेंट की पॉसिबिलिटी है तो वो भी अच्छा ट्रिगर हो सकता है. "
सवाल-मुझे आशंका है कि वो ये कहना शुरू करेंगे कि अभी पूरा कैपेसिटी यूटिलाइजेशन नहीं हुआ है तो थोड़ा और इंतज़ार करते हैं?
निर्मला सीतारमण ने कहा, "मैं इसपर इतना विस्तार से जवाब नहीं दे सकती हूं. कंपनी अपने-अपने कमर्शियल डिसीजन लेती हैं. मौका भारत में है और फास्टेस्ट ग्रोइंग हम इस साल भी हैं. आने वाले साल भी रहने वाले हैं. पूरे दुनिया देख रही है भारत को, इसीलिए मैं मानती हूं सब आएंगे. इन्वेस्ट और एक्सपैंड दोनों करने के लिए."
सवाल-भारत के कई नए सेक्टर जो डेवलप हो रहे हैं. उसमें आपको क्या लगता है कि नए एंटरप्रेन्योर ही आएंगे या ओल्ड इकोनॉमी के भी प्लेयर को आना चाहिए?
वित्त मंत्री ने कहा, "नये बहुत आ रहे हैं. नए एंटरप्रेन्योर आलरेडी आ रहे हैं और मुझे लग रहा है कि ओल्ड इकोनॉमी के इंडस्ट्री लीडर्स भी इसका फायदा असेस कर रहे हैं और आपको ये भी ये भी एनालाइज करना चाहिए कि एआई ड्राइवन प्रोसेस मैन्युफैक्चरिंग में ओल्ड इंडस्ट्रीज में भी आजकल आने लगी हैं. इसीलिए मुझे लग रहा है कि इस टेक्नोलॉजी ड्राइवन, एआई ड्राइवन, वेब थ्री ड्राइवन प्रोसेस को कोई नकार नहीं सकता. जितने लेवल वो डाइजेस्ट कर पाएंगे, उतना लेवल लेना ही पड़ेगा. और उसमें देश के युवाओं को सक्षम करना, ट्रेनिंग देना और उनको तैयार रखने के काम को सरकार रिकॉग्नाइज करती है. हम हमारा काम ज़रूर करेंगे."
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