“आने वाले सालों में भारत बहुत तेज़ी से तरक्की करने वाला है, बहुत आगे जाने वाला है... सिर्फ़ यह दशक नहीं, समूची शताब्दी भारत की ही है...” यह कहना है, जी-20 समूह में भारत के शेरपा और नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यकारी (CEO) अमिताभ कांत का. NDTV वर्ल्ड समिट के दौरान अमिताभ कांत ने यह भी कहा कि भारत में इस वक्त अधिकतर जनसांख्यिकी युवा है, इसलिए जो तरक्की यहां हो सकती है, वह कहीं और मुमकिन नहीं हो सकेगी.
दो-दिवसीय NDTV वर्ल्ड समिट में नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने कहा, “यह वास्तव में भारत का न केवल दशक है, बल्कि भारत की शताब्दी है, क्योंकि जनसांख्यिकी बहुत युवा है... जब हम इसे भारत की शताब्दी कहते हैं, तो उसकी वजह है... भारत इस वक्त दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और अगले ढाई साल में हिन्दुस्तान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा... भारत की अर्थव्यवस्था में पिछले साल के दौरान करीब 8.2 फ़ीसदी की दर से बढ़ोतरी हुई है...”
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“दुनिया के किसी मुल्क में नहीं हो रही भारत जैसी तरक्की...”
उन्होंने आगे कहा, “भारत दुनिया का इकलौता मुल्क है, जहां आज की तारीख में रोज़ाना लगभग 35 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो रहा है, हर रोज़ कम से कम 12 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जा रही है... पिछले सात साल के दौरान भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में 31 गुणा बढ़ोतरी हुई है... दुनियाभर में फास्ट पेमेंट के मामले में भारत बेहद तेज़ी से और सबसे आगे मौजूद है... देश में हर वर्ष नौ एयरपोर्ट ऑपरेशनल हो रहे हैं, और हर साल कम से कम तीन महानगर बनाए जा रहे हैं... आज दुनिया के किसी भी मुल्क में इस तरह तरक्की नहीं हो रही है...”
“दरअसल भारत युवा है, और अमेरिका-यूरोप बूढ़े हो गए...”
अमिताभ कांत ने NDTV वर्ल्ड समिट को संबोधित करते हुए कहा, “भारत ऐसा इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि भारत का डेमोग्राफिक्स युवा है, जबकि अमेरिका और यूरोप की जनसंख्या में वृद्धों की तादाद ज़्यादा है... इसलिए ग्रोथ या तरक्की इसी जगह होने वाली है...”
जी-20 समूह में भारत के शेरपा ने यह भी कहा कि भारत के साथ-साथ समूचे एशिया और अफ़्रीका की जनसांख्यिकी भी युवा है, इसलिए दुनियाभर में होने जा रही तरक्की का बड़ा हिस्सा ग्लोबल साउथ से ही आने वाला है. उन्होंने कहा, “आने वाले सालों में दुनिया की सारी ग्रोथ ग्लोबल साउथ में होने वाली है... अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) के मुताबिक, अगले चार दशक में दुनियाभर की तीन-चौथाई तरक्की ग्लोबल साउथ में ही होने जा रही है... इस साल के आंकड़ों पर नज़र डालें, तो IMF के मुताबिक ग्लोबल ग्रोथ 3.2 फ़ीसदी रहेगी... वृद्धि की दर विकसित देशों में 1.8 फ़ीसदी रहेगी, जबकि विकासशील देशों की ग्रोथ रेट 4.4 फ़ीसदी रहेगी, इसलिए साफ़ है कि आने वाले सालों में लगभग समूची तरक्की ग्लोबल साउथ से ही आएगी...”
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