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भारतीय शेयर बाजार से नवंबर में जुड़े 42 लाख नए निवेशक, मार्केट में लगातार तेजी का असर

लेटेस्ट एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2021 से हर साल कम से कम 3 करोड़ नए डीमैट अकाउंट (Demat account) खोले जा रहे हैं .

भारतीय शेयर बाजार से नवंबर में जुड़े 42 लाख नए निवेशक, मार्केट में लगातार तेजी का असर
Indian Stock Market: एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष के अनुसार, इस वर्ष नए डीमैट खातों की संख्या 4 करोड़ के आंकड़े को पार कर सकती है.
नई दिल्ली:

भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) से नवंबर में 42,76,207 नए निवेशक जुड़े हैं. यह जानकारी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, एनएसई (NSE) द्वारा गुरुवार को जारी किए गए डेटा में दी गई. जुलाई से सितंबर अवधि में कुल 1,60,06,447 निवेशक शेयर बाजार से जुड़े हैं. इसकी वजह भारतीय स्टॉक मार्केट में लगातार तेजी होना है. इस साल सेंसेक्स और निफ्टी ने भी क्रमश: 85,978.25 और 26,277.35 का नया उच्चतम स्तर बनाया.

स्टॉक एक्सचेंज के अनुसार, इस साल 23 दिसंबर तक रजिस्टर्ड निवेशकों की कुल संख्या 21,02,25,329 (21.02 करोड़ से अधिक) थी.

महाराष्ट्र में सबसे अधिक 3.7 करोड़ से अधिक अकाउंट

एनएसई के डेटा के मुताबिक, वर्तमान में सभी राज्यों में महाराष्ट्र में सबसे अधिक 3.7 करोड़ से अधिक खाते हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश में 2.28 करोड़, गुजरात में 1.87 करोड़ और राजस्थान एवं पश्चिम बंगाल प्रत्येक में 1.2 करोड़ से अधिक खाते हैं.अक्टूबर में एनएसई में क्लाइंट खातों की कुल संख्या पहली बार 20 करोड़ से अधिक हो गई थी, जो आठ महीने पहले 16.9 करोड़ थी. अक्टूबर में यूनिक पंजीकृत निवेशक आधार 10.5 करोड़ था.

 2021 से हर साल कम से कम 3 करोड़ खोले जा रहे नए डीमैट अकाउंट 

लेटेस्ट एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, देश में 2021 से हर साल कम से कम 3 करोड़ नए डीमैट अकाउंट (Demat account) खोले जा रहे हैं और लगभग हर चार में से एक अब महिला निवेशक है, जो बचत के वित्तीयकरण के चैनल के रूप में पूंजी बाजार का उपयोग करने के बढ़ते प्रचलन को दर्शाता है.

एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष के अनुसार, इस वर्ष नए डीमैट खातों की संख्या 4 करोड़ के आंकड़े को पार कर सकती है.

रिपोर्ट में आगे बताय गया है कि बचत के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund)की लोकप्रियता पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है. वित्त वर्ष 18 से पंजीकृत नई एसआईपी में चार गुना वृद्धि हुई है और इसका आंकड़ा 4.8 करोड़ हो गया है, जिससे कुल एसआईपी योगदान लगभग 2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

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