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RBI का बड़ा ऐलान: रेपो रेट में 0.25% की कटौती, आपके लोन की EMI होगी सस्ती

RBI MPC Meeting Announcement: यह लगातार दूसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है. इससे पहले फरवरी में भी 0.25% की कटौती की गई थी, जब रेपो रेट 6.5% से घटाकर 6.25% की गई थी.

RBI का बड़ा ऐलान: रेपो रेट में 0.25% की कटौती, आपके लोन की EMI होगी सस्ती
RBI Repo Rate Cut: रेपो रेट घटने का सीधा असर आपके होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की EMI पर पड़ेगा.
नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज आम लोगों को बड़ी राहत दी है. आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट्स यानी 0.25% की कटौती कर दी है. अब यह दर 6.25% से घटकर 6% हो गई है. यह फैसला आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक के बाद लिया गया. आज इस बैठक का आखिरी दिन था और सुबह 10 बजे गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने इस बैठक के नतीजे का ऐलान किया.

RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति को लेकर अहम घोषणाएं की हैं. उन्होंने बताया कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में 0.25% की कटौती का फैसला किया है. अब रेपो रेट 6% हो गई है, जो पहले 6.25% थी. गवर्नर ने कहा कि इस बार मौद्रिक नीति के रुख को भी बदला गया है. पहले इसे "तटस्थ" रखा गया था, लेकिन अब इसे "उदार" (Accommodative) कर दिया गया है, ताकि आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिल सके.

भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत, ग्रोथ में सुधार

उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष की शुरुआत ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका की तरफ से आयात शुल्क बढ़ने जैसे वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं. आरबीआई लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है. इसके साथ ही, उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ रही है और ग्रोथ में सुधार जारी है.

EMI पर क्या होगा असर?

रेपो रेट घटने का सीधा असर आपके होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की EMI पर पड़ेगा. बैंक अब RBI से सस्ते ब्याज पर लोन लेंगे, जिससे वे ग्राहकों को भी कम ब्याज पर लोन देंगे. इसका मतलब है कि अब आपकी EMI पहले से कम हो सकती है.

लगातार दूसरी बार रेट में कटौती

यह लगातार दूसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है. इससे पहले फरवरी में भी 0.25% की कटौती की गई थी, जब रेपो रेट 6.5% से घटाकर 6.25% की गई थी.

रेपो रेट क्या होता है?

रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. जब यह दर घटती है, तो बैंकों को सस्ता फंड मिलता है, और वो अपने ग्राहकों को भी सस्ते लोन दे सकते हैं.

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