
जीएसटी दरों में कटौती (GST rate cut) को लेकर राज्यों की सबसे बड़ी चिंता यही है कि उनकी कमाई पर असर पड़ेगा और राजस्व घाटा बढ़ेगा .NDTV Profit GST Conclave के दौरान जब प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल से पूछा गया कि जीएसटी दरों में कटौती से राज्यों के राजस्व पर क्या असर पड़ेगा तो उन्होंने साफ कहा कि टैक्स दरें घटाने से शुरुआती समय में घाटा होना तय है. लेकिन लंबे समय में इसका फायदा ही मिलेगा. ये कदम राज्यों और पूरी अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद साबित होगा.
राज्यों की चिंता पर संजीव सान्याल का जवाब
उन्होंने कहा कि कई विपक्षी राज्यों की यही चिंता है कि रेवेन्यू में कमी आ जाएगी. हाल ही में पंजाब के वित्त मंत्री ने भी यही सवाल उठाया था. इस पर सान्याल का जवाब था कि जब आप टैक्स दरों को घटाते और उन्हें व्यवस्थित करते हैं तो शुरुआत में टैक्स कलेक्शन पर असर पड़ता है. यही वजह थी कि सरकार ने इसे तुरंत लागू नहीं किया था, क्योंकि कोरोना के बाद हमें यकीन नहीं था कि वित्तीय व्यवस्था इतनी मजबूत है कि ये कदम तुरंत उठाया जा सके.
शुरुआत में नुकसान, लेकिन आगे फायदा
संजीव सान्याल ने कहा कि अगर आप दरें नीचे लाते हैं तो एक बार के लिए नुकसान होगा ही. लेकिन ये मान लेना गलत होगा कि यह कदम गलत है. असल फायदा यह है कि इससे पूरी अर्थव्यवस्था ज्यादा एफिसिएंट बनती है और तेजी से आगे बढ़ती है. जब अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ेगी और बाजार में उछाल आएगा तो शुरुआत में हुआ नुकसान अपने आप पूरा हो जाएगा.
दरें घटाने से ही होगी ग्रोथ
संजीव सान्याल ने यह भी कहा कि कोई भी दरें बढ़ाने की बात नहीं कर रहा है. योजना दरें घटाने की है और यही जरूरी भी है. दरें घटेंगी तो मार्केट में एक्टिविटी बढ़ेगी, बिजनेस के लिए माहौल आसान होगा और यही तेजी राजस्व की कमी को भर देगी.
राज्यों को घबराने की जरूरत नहीं
संजीव सान्याल ने साफ कहा कि जीएसटी दरें घटाना गलत कदम नहीं है. हां, शुरुआत में घाटा जरूर होगा लेकिन जैसे-जैसे ग्रोथ बढ़ेगी वैसे-वैसे राज्यों की आय में भी इजाफा होगा. इसलिए राज्यों को लंबे नजरिए से इसे देखना चाहिए.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं