भारत में करोड़पति बनना आज भी लाखों लोगों का सपना है. यह सिर्फ आर्थिक मजबूती का नहीं, बल्कि रिटायरमेंट और भविष्य की सुरक्षा का भी बड़ा लक्ष्य माना जाता है. अच्छी बात यह है कि सही प्लानिंग और अनुशासित निवेश के जरिए यह सपना 10 साल में भी पूरा किया जा सकता है.
वैसे 10 साल का निवेश समय हाई-रिस्क इन्वेस्टमेंट के लिए एक संतुलित अवधि मानी जाती है. इस दौरान बाजार की उठापटक का असर बैलेंस हो जाता है और कंपाउंडिंग का फायदा निवेशकों को लंबे समय में बेहतर रिटर्न दे सकता है. यही वजह है कि म्यूचुअल फंड SIP और गोल्ड जैसे विकल्पों पर फोकस किया जाता है.
केवल बचत काफी नहीं
इसके लिए सिर्फ बचत काफी नहीं होती. अगर लक्ष्य 10 साल में 1 करोड़ रुपए का कॉर्पस बनाना है, तो निवेश को थोड़ा आक्रामक रखना पड़ता है. इसमें हाई-रिटर्न की संभावना वाले विकल्प, कंपाउंडिंग का सही इस्तेमाल और पोर्टफोलियो में विविधता अहम भूमिका निभाती है. ऐसे बड़े लक्ष्य के लिए स्टेप-अप SIP बेहद जरूरी मानी जाती है. इसमें निवेशक हर साल अपनी SIP की रकम बढ़ाते हैं, आमतौर पर इनकम बढ़ने के साथ. इससे निवेश धीरे-धीरे बढ़ता है और फाइनेंशियल दबाव भी नहीं पड़ता.
म्यूचुअल फंड से 1 करोड़ का कॉर्पस कैसे बन सकता है?
- अगर कोई निवेशक म्यूचुअल फंड SIP के जरिए हर महीने 30000 रुपए निवेश करता है और अपनी आय बढ़ने के साथ हर साल इस निवेश को 10 प्रतिशत बढ़ाता है, तो 10 साल की अवधि में एक बड़ा कॉर्पस तैयार किया जा सकता है.
- इस पूरे निवेश को अगर औसतन 12 प्रतिशत सालाना रिटर्न के अनुमान के साथ देखा जाए, तो 10 साल में कुल निवेश करीब 57,37,472 रुपए बैठता है.
- इस पर मिलने वाला अनुमानित रिटर्न लगभग 43,85,505 रुपए होता है, जिससे कुल फंड वैल्यू करीब 1,01,22,978 रुपए तक पहुंच सकती है.
गोल्ड निवेश से 1 करोड़ का लक्ष्य कैसे पूरा हो सकता है?
- वहीं अगर कोई निवेशक गोल्ड में निवेश का रास्ता चुनता है और हर महीने करीब 33000 रुपए निवेश करता है, साथ ही हर साल निवेश राशि को 10 प्रतिशत तक बढ़ाता है, तो 10 साल में एक मजबूत कॉर्पस बन सकता है.
- इस हिसबा से अगर गोल्ड पर औसतन 10 प्रतिशत सालाना रिटर्न माना जाए, तो कुल निवेश लगभग 63,11,220 रुपए होता है.
- इस पर मिलने वाला अनुमानित रिटर्न करीब 37,40,091 रुपए तक पहुंचता है और कुल वैल्यू लगभग 1,00,51,311 रुपए के आसपास बन सकती है.
म्यूचुअल फंड बनाम गोल्ड
आंकड़े बताते हैं कि म्यूचुअल फंड में ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है, लेकिन यह गारंटीड नहीं होता. वहीं गोल्ड कुछ आर्थिक चक्रों में बेहतर प्रदर्शन करता है, खासकर जब वैश्विक अनिश्चितता या जियोपॉलिटिकल तनाव बढ़ता है. दोनों ही विकल्प अलग-अलग परिस्थितियों में बेहतर साबित हो सकते हैं.कुल मिलाकर सही SIP, स्टेप-अप रणनीति और धैर्य के साथ निवेश किया जाए, तो करोड़पति बनने का सपना 10 साल में हकीकत बन सकता है.
निवेशकों के लिए जरूरी सलाह
10 साल में करोड़पति बनने का लक्ष्य बड़ा जरूर है, लेकिन असंभव नहीं. हालांकि, निवेश से पहले जोखिम को समझना जरूरी है.
नोट- बाजार से जुड़े निवेश में उतार-चढ़ाव आता है और शॉर्ट टर्म में नुकसान भी हो सकता है. बेहतर नतीजों के लिए निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता के हिसाब से प्लान बनाना चाहिए और जरूरत हो तो फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लेना समझदारी भरा कदम हो सकता है.
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