भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के ब्याज दर में कटौती के कदम का भारत पर असर कम ही होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार पहले से निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं. कुल मिलाकर ब्याज दरों में कटौती उभरते बाजारों के लिए सकारात्मक है.
नागेश्वरन ने डेलॉयट के 'गवर्नमेंट समिट' 2024 में कहा, "भारत पर इसका असर थोड़ा कम होगा... इसका अधिकतर हिस्सा (दर कटौती) मूल्य आधारित होगा..."
इससे पहले, गुरुवार को ही आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के ब्याज दर में कटौती का भारत में विदेशी निवेश पर कोई महत्वपूर्ण असर पड़ने की संभावना नहीं है.
उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने वही किया है, जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर उसे सही लगता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों में कटौती का फैसला करेगा.
सेठ ने पत्रकारों से कहा, "यह भारतीय अर्थव्यवस्था सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है... यह उच्च स्तर से 50 आधार अंक की कटौती है... मुझे नहीं लगता कि इससे निवेश पर कोई खास असर पड़ेगा... हमें यह देखना होगा कि (अमेरिकी ब्याज दरों का) स्तर कहां है... हमें यह भी देखना होगा कि अन्य अर्थव्यवस्थाओं के बाजार किस तरह का व्यवहार करते हैं..."
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