
मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते टकराव (Israel-Iran Conflict) का असर अब ग्लोबल ऑयल मार्केट पर साफ नजर आ रहा है. सोमवार, 16 जून को क्रूड ऑयल की कीमतों (Crude Oil Prices Rise) में जबरदस्त तेजी देखने को मिली.मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर कच्चे तेल की कीमत (Crude Oil Price Today)1.05% बढ़कर 6,351 रुपये प्रति बैरल हो गई. इससे पहले शुक्रवार को MCX क्रूड की कीमतों में करीब 7.77% की तेजी दर्ज की गई थी.
इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड की कीमत आज 0.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74.92 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई, वहीं यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड1.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73.83 डॉलर प्रति बैरल हो गया है.
पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उबाल
पाकिस्तान में ईरान-इजरायल युद्ध का असर का असर सीधे नजर आया है. पाकिस्तान की सरकार ने पेट्रोल की कीमत (Petrol Diesel PriceToday) 4.80 पाकिस्तानी रुपये और हाई-स्पीड डीजल की कीमत 7.95 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है. अब पेट्रोल 258.43 PKR और डीजल 262.59 PKR प्रति लीटर पर बिक रहा है. पाकिस्तान पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इस फैसले से वहां महंगाई और बढ़ने की आशंका है.
भारत पर क्या होगा असर?
इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध (Israel-Iran War) जैसे हालात के चलते भारत में फिलहाल पेट्रोल और डीजल की कीमतों (Petrol Diesel Price In India) में कोई बदलाव नहीं हुआ है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर रोज सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के नए रेट अपडेट करती हैं. ये रेट्स इंटरनेशनल क्रूड प्राइस और करेंसी एक्सचेंज रेट के आधार पर तय होते हैं. अब तक भारत में क्रूड की तेजी का असर पेट्रोल-डीजल प्राइस पर नहीं दिखा है.
भारत में भी पेट्रोल-डीजल होगा महंगा?
हालांकि अगर मिडिल ईस्ट में हालात (Middle East Tensions) और बिगड़ते हैं तो भारत में भी पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel Rate In India) महंगा हो सकता है. भारत अपनी जरूरत का करीब 85% क्रूड ऑयल इंपोर्ट करता है. अगर इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें इसी तरह तेजी से बढ़ती रहीं, तो आने वाले हफ्तों में इसका असर पेट्रोल-डीजल के रेट पर पड़ सकता है. इससे ट्रांसपोर्ट महंगा होगा और बाकी चीजों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं. यानी मंहगाई का सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा.
हालांकि सरकार एक्साइज ड्यूटी और बेस प्राइस जैसे फैक्टर्स से कीमतों को संतुलित रखने की कोशिश करती है, लेकिन लंबे समय तक महंगा क्रूड रहने पर यह राहत खत्म हो सकती है.
क्यों बढ़ रही है कच्चे तेल की कीमतें?
13 जून को इजरायल की ओर से ईरान पर एयर स्ट्राइक करने के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है और यह तब से अब तक करीब 7 प्रतिशत महंगा हो चुका है. 12 जून को ब्रेंट क्रूड का दाम 69.36 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड का दाम 66.64 डॉलर प्रति बैरल था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने ईरान के साउथ पारस गैस फील्ड पर हमला किया है, जिसके कारण वहां प्रोडक्शन को रोकना पड़ा है. तेल की कीमतों में यह तेजी इसलिए आ रही है क्योंकि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के चलते मिडिल ईस्ट से तेल की सप्लाई में रुकावट की आशंका बढ़ गई है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर यह तनाव सऊदी, इराक, कुवैत और यूएई जैसे देशों तक फैला तो सप्लाई में बड़ी बाधा आ सकती है और कीमतें और ज्यादा बढ़ सकती हैं.
ईरान पहले भी धमकी दे चुका है कि अगर हालात बिगड़े, तो वह इस रूट को ब्लॉक कर सकता है. अगर ऐसा होता है, तो सऊदी, इराक, यूएई और कुवैत की सप्लाई पर असर पड़ेगा और इससे तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आ सकता है. इससे दुनिया भर में तेल की भारी कमी और महंगाई आ सकती है
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