PE Investment in Indian Real Estate: वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान भारतीय रियल एस्टेट में प्राइवेट इक्विटी (पीई) निवेश 6 प्रतिशत बढ़कर 2.82 बिलियन डॉलर हो गया. रियल एस्टेट फर्म एनारॉक की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
बेंगलुरु और हैदराबाद सबसे आगे
वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीने में मल्टी-सिटी डील ट्रांजैक्शन टेबल पर हावी रही. बेंगलुरु और हैदराबाद क्रमशः 11 प्रतिशत और 10 प्रतिशत डील शेयर के साथ ट्रांजैक्शन टेबल में सबसे आगे रहे.वित्त वर्ष 25 के पहले नौ महीनों में, औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स सेक्टर ने कुल निवेश का 62 प्रतिशत हिस्सा हासिल किया, जो ऑफिस और रेजिडेंशियल दोनों सेक्टर से काफी आगे निकल गया, जिनमें क्रमशः 14 प्रतिशत और 15 प्रतिशत का निवेश रहा.
हालांकि, कंस्ट्रक्शन फाइनेंस में पीएसयू बैंकों की मजबूत प्री-सेल्स और उच्च भागीदारी ज्यादा लागत वाले निजी इक्विटी फाइनेंसिंग की मांग को कम कर सकती है.
मजबूत परिचालन प्रदर्शन जारी रहने की संभावना
भारतीय कमर्शियल रियल एस्टेट मार्केट में मजबूत लीजिंग देखी गई, इस सेगमेंट में भू-राजनीतिक चिंताओं और उच्च ब्याज दरों के कारण पीई गतिविधि कम देखी गई, जिसने वैल्यूएशन को प्रभावित किया.रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सेक्टर का मजबूत परिचालन प्रदर्शन जारी रहने की संभावना है और ब्याज दरों में गिरावट से इस क्षेत्र में पीई निवेश में फिर से वृद्धि होगी.इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स सेक्टर निवेशकों के लिए आकर्षक बना हुआ है, जिसका श्रेय मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग, ई-कॉमर्स, उपभोक्ता मांग और थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स द्वारा संचालित मजबूत वृद्धि को जाता है.
ग्रेड-बी से ग्रेड-ए संपत्तियों में बदलाव से यह वृद्धि और भी बढ़ गई है, जो क्वालिटी, बड़े फॉर्मेट और ईएसजी विचारों पर बढ़ते फोकस को दर्शाती है.
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