अमेरिकी शॉर्ट सेलर Hindenburg की एक और नई सनसनीखेज रिपोर्ट और इस बार निशाने पर है मार्केट रेगुलेटर SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच. अपनी साख गंवा चुके हिंडनबर्ग रिसर्च के इस नए शगूफे को एक्सपर्ट्स एक नई पैंतरेबाजी मान रहे हैं, ताकि भारतीय बाजार में जारी तेजी के सेंटीमेंट्स को प्रभावित किया जा सके.शॉर्टेसलर की नई रिपोर्ट में जो भी दावे किए गए हैं, उन आरोपों को SEBI और अदाणी ग्रुप दोनों ने ही 'निराधार' और 'दुर्भावनापूर्ण' करार दिया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने X पर एक पोस्ट में कहा कि इस रिपोर्ट का मकसद रेगुलेट को बदनाम करना और निवेशकों के लिए बाजार में अराजकता और नुकसान पैदा करना है - ऐसा करके बाजार की तेजी को धीमा करना है.
Lets be clear - this attack on @SEBI_India by a foreign bank #Hindenburg, is an obvious partnership wth the Cong and has a ominous motive and goal.
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@RajeevRC_X) August 11, 2024
To destabilize, discredit one of the worlds strongest financial systems and create chaos in worlds fastest growing Ecinomy ie…
कारेलियन एसेट मैनेजमेंट एंड एडवाइजर्स (Carnelian Asset Management & Advisors.) के फाउंडर विकास खेमानी ने X पर लिखा है कि भारत के कॉरपोरेट गवर्नेंस स्टैंडर्ड कई विकसित देशों की तुलना में कहीं बेहतर हैं. जो लोग हमें गवर्नेंस का उपदेश देते हैं, उनके बाजार कहीं ज्यादा जोखिम भरे हैं. मैं ये नहीं कह रहा हूं कि हमारे बाजार बिल्कुल ठीक हैं और हमारे पास कोई समस्या नहीं है, लेकिन हर बार, निहित स्वार्थ भारत और उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं.
If perception spreads that India's capital markets are compromised, will affect billions in capital in flows and indirectly millions of future jobs. Rather than conspiracy theories on who's out to get who, it's vital to address the issues being raised in a professional manner.…
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) August 11, 2024
इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पई ने नई हिंडनबर्ग रिपोर्ट को 'वल्चर फंड की ओर से चरित्र हनन' करार दिया है. X पर पई लिखते हैं कि सनसनी पैदा करने के मकसद से लगाए गए बकवास आरोप. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक प्रतिष्ठित पैनल की देखरेख में एक जांच हुई थी- जब वल्चर फंड पूरी तरह से उजागर हो जाता है तो ये कीचड़ उछालता है. पई ने SEBI की रेगुलेटरी प्रक्रियाओं का भी बचाव करते हुए कहा कि SEBI सेबी के सभी नियम खुले परामर्श के बाद बनाए गए हैं. ये नियम ग्लोबल स्टैंडर्ड के आधार पर बाजार और रेगुलेटर के बीच सामूहिक सोच को दर्शाते हैं.
कैपिटलमाइंड के CEO दीपक शेनॉय ने भी हिंडनबर्ग के नए आरोपों को तथ्यविहीन कहा है.
Half of the report is dedicated to a ridiculous link of the Chairperson encouraging investments in REITs and how that benefits Blackstone! And how Backstone being her husband's client creates a conflict of interest!
— Ajay Rotti (@ajayrotti) August 10, 2024
That is how stretched this piece is!!! While they say SEBI… https://t.co/rnJLrf8Ug4
भारत सरकार के 17वें मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के रूप में काम चुके कृष्णमूर्ति वी सुब्रमण्यन ने शॉर्टसेलर के नए आरोपों पर अपना जवाब दिया है. उन्होंने SEBI चेयरपर्सन का सपोर्ट करते हुए कहा -'मैं SEBI चेयरपर्सन माधबी को लगभग दो दशकों से निजी तौर पर जानता हूं, उनकी बेदाग सत्यनिष्ठा और उनकी बौद्धिक क्षमता को देखते हुए, मुझे यकीन है कि वो हिंडनबर्ग की इस कोशिश को चकनाचूर कर देंगी'
I've personally known SEBI Chairperson Madhabi for about two decades. Given her unimpeachable integrity and her intellectual prowess, I'm sure she will shred to smithereens this Hindenberg hit job.
— Prof. Krishnamurthy V Subramanian (@SubramanianKri) August 11, 2024
In this wonderful thread by @BhagwaanUvacha on the report, the bottom line is in… https://t.co/yYuOkRLZuX
इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स वकील साफिर आनंद का कहना है कि बढ़ते बाजार के बीच हिंडनबर्ग काम हताशा से प्रेरित थे. उन्होंने अपने X पर लिखा - 'ये मेरे लिए साफ है कि हिंडनबर्ग बाजार की तेजी से हताश है. एक नाकामी के कारण उसे कानूनी कार्रवाई सहित कई नतीजों से बचने की हताशा का सामना करना पड़ रहा है'.
#Hindenburg is toxic. They must have already shorted the market before publishing this report. Making money of people's misery.
— Vineet Arora (@VineetArora09) August 11, 2024
Madhabi has impeccable track record. People, please don't fall in this trap and their malicious agenda.#SEBIChairperson #HindenburgResearch #India
NAV कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत अरोड़ा ने नई रिपोर्ट पर अपने विचार शेयर किए हैं, वो लिखते हैं कि 'उन्होंने इस रिपोर्ट को प्रकाशित करने से पहले ही बाजार को शॉर्ट कर दिया होगा. लोगों की तकलीफों से पैसा बना रहे हैं.'
ये सनसनी पैदा करने की कोशिश: AMFI
SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर की गईं टिप्पणियां न केवल उनके भारतीय कैपिटल मार्केट में योगदान को कम करने की कोशिश करती हैं, बल्कि ये हमारे देश की आर्थिक तरक्की को भी कमजोर करने और बाजार के इकोसिस्टम में भरोसे को कम करने का प्रयास करती है. वास्तव में इसे अतीत में हुई कुछ घटनाओं को जोड़कर सनसनी पैदा करने की कोशिख के तौर पर देखा जाना चाहिए.
अगर इसे ऐसे ही छोड़ दिया गया तो ये दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की राह में बेवजह की रुकावटें पैदा कर सकता है.हमारे रेगुलेटरी वातावरण के संदर्भ और समझ की कमी वाले ये बयान, हमारे देश की कड़ी मेहनत से कमाई गई उपलब्धियों को बदनाम करने की कोशिश करते हैं. इस तरह की घटनाओं को भारत के विकसित अर्थव्यवस्था बनने की कोशिश में रुकावट पैदा करने के रूप में देखना चाहिए. इन्वेस्टर्स और पार्टनर्स, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों को भरोसा होना चाहिए कि भारत की वित्तीय प्रणाली सुरक्षित और पारदर्शी है.
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