
अगर आप घर बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. GST 2.0 लागू होने के बाद कंस्ट्रक्शन मटेरियल पर जीएसटी कम होने से रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत मिल सकती है. कंस्ट्रक्शन मटेरियल पर टैक्स कम होने की वजह से घर बनाने की लागत 3.5 से 4.5 प्रतिशत तक घट सकती है. यह जानकारी शुक्रवार को जारी क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में दी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे डेवलपर्स के मार्जिन को भी सहारा मिलेगा और प्रोजेक्ट की लागत कम होने से अफोर्डेबिलिटी यानी घर खरीदने की क्षमता बढ़ सकती है.
सीमेंट सबसे बड़ा फैक्टर
कंस्ट्रक्शन में सीमेंट की लागत सबसे अहम होती है, जो कुल खर्च का करीब 25 से 30 प्रतिशत होती है. रिपोर्ट के अनुसार सीमेंट पर GST में 10 प्रतिशत की कटौती से कुल निर्माण लागत में 3 से 3.5 प्रतिशत की बचत हो सकती है.
मार्बल और ग्रेनाइट पर भी राहत
स्टील पर टैक्स 18 प्रतिशत ही रहेगा, लेकिन संगमरमर, ट्रैवर्टीन ब्लॉक, ग्रेनाइट ब्लॉक और रेत-चूना ईंटों पर GST को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. इन मटेरियल का इस्तेमाल ज्यादातर मिड रेंज और प्रीमियम प्रोजेक्ट्स में होता है, इसलिए इस सेक्टर को बड़ी राहत मिलेगी. इससे अतिरिक्त 0.5 से 1 प्रतिशत तक की और बचत हो सकती है.
डेवलपर्स और खरीदार दोनों को फायदा
रिपोर्ट कहती है कि कंस्ट्रक्शन मटेरियल पर टैक्स कम होने से डेवलपर्स का मार्जिन सुधरेगा और प्रोजेक्ट लागत घटेगी. आमतौर पर बिल्डर्स की कुल लागत में से 50 से 60 प्रतिशत खर्च कंस्ट्रक्शन मटेरियल पर होता है, इसलिए यह राहत काफी असरदार होगी. अगर बिल्डर्स इस बचत को खरीदारों तक पास कर देते हैं तो घर खरीदना और आसान हो जाएगा.
नई दरें कब से लागू होंगी
GST काउंसिल का यह फैसला 22 सितंबर से पूरे देश में लागू होगा. हालांकि, प्रॉपर्टी पर टैक्स की दरें पहले जैसी ही रहेंगी. इसका मतलब है कि घर की बिक्री पर टैक्स में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन निर्माण लागत जरूर घटेगी.इससे साफ है कि GST 2.0 से रियल एस्टेट सेक्टर को राहत मिलेगी और घर बनाने वाले लोगों के लिए भी यह पॉजिटिव बदलाव साबित हो सकता है.
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