
भारत के रोजगार बाजार से अच्छी खबर आई है. जुलाई 2025 में देश की बेरोजगारी दर घटकर 5.2 प्रतिशत (5.2%) रह गई, जबकि जून 2025 में यह 5.6 प्रतिशत (5.6%) थी. यानी रोजगार की स्थिति में सुधार हो रहा है. यह डेटा सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे( Periodic Labour Force Survey- PLFS ) रिपोर्ट में सामने आया है.
रोजगार के मौके बढ़े
जुलाई 2025 में सिर्फ बेरोजगारी दर ही नहीं घटी, बल्कि रोजगार में भी बढ़ोतरी देखी गई. रिपोर्ट के मुताबिक, LFPR (Labour Force Participation Rate) यानी काम करने की इच्छा और उपलब्धता दिखाने वाले लोगों की संख्या जुलाई में 54.9 प्रतिशत (54.9%) रही. जून 2025 में यह 54.2 प्रतिशत (54.2%) थी.
ग्रामीण और शहरी रोजगार का हाल
Workforce Participation Rate (WPR) यानी असल में काम कर रहे लोगों का अनुपात भी बढ़ा है.ग्रामीण इलाकों में यह जून 2025 के 53.3 प्रतिशत (53.3%) से बढ़कर जुलाई 2025 में 54.4 प्रतिशत (54.4%) हो गया. शहरी इलाकों में मामूली सुधार हुआ और यह जून के 46.8 प्रतिशत (46.8%) से बढ़कर जुलाई में 47.0 प्रतिशत (47.0%) पर पहुंचा.
महिलाओं की भागीदारी में सुधार
- जुलाई 2025 में महिलाओं की भागीदारी भी बेहतर रही.
- ग्रामीण महिलाओं का WPR 35.5 प्रतिशत (35.5%) रहा.
- शहरी महिलाओं के लिए यह 23.5 प्रतिशत (23.5%) दर्ज किया गया.
- कुल मिलाकर, 15 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं का राष्ट्रीय स्तर पर WPR 31.6 प्रतिशत (31.6%) रहा.
- इसके अलावा, ग्रामीण महिलाओं का LFPR जून के 35.2 प्रतिशत (35.2%) से बढ़कर जुलाई में 36.9 प्रतिशत (36.9%) तक पहुंच गया.
पुरुषों का रोजगार स्तर
- ग्रामीण पुरुषों के लिए LFPR जुलाई में 78.1 प्रतिशत (78.1%) रहा.
- शहरी पुरुषों के लिए यह 75.1 प्रतिशत (75.1%) दर्ज किया गया.
यह साफ दिखाता है कि रोजगार में सुधार सिर्फ शहरी नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत में भी जारी है.
क्या कहता है PLFS?
PLFS के मुताबिक, रोजगार से जुड़े तीन बड़े इंडिकेटर बेरोजगारी दर (UR), LFPR और WPR में जुलाई 2025 में सुधार हुआ है. यानी देश की अर्थव्यवस्था में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और श्रम बल की भागीदारी भी मजबूत हो रही है.
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