
सोने की कीमत दिनों-दिन बढ़ती चली जा रही है और चांदी में भी तेजी देखी जा रही है. सोने-चांदी में पहले ऐसी तेजी शायद ही देखी गई हो. गोल्ड-सिल्वर तेजी के रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं. एक साल से भी कम समय में निवेशकों का पैसा डेढ़ गुना हो गया है. दिवाली और धनतेरस पर तो बड़ी संख्या में लोग सोना और चांदी में निवेश करते हैं. सोने का भाव 1.25 लाख/ 10 ग्राम के करीब चल रहा है और ऐसे में अगर सोने में निवेश करना मुश्किल लग रहा है तो आप चांदी में भी निवेश कर सकते हैं, जो कि बुलियन मार्केट में 14,600 रुपये/100 ग्राम के भाव पर मिल रहा है.
चांदी में इस साल अब तक 53 फीसदी की तेजी देखी गई है और आने वाले समय में इसके भाव और बढ़ने की उम्मीद है. ग्लोबल मार्केट में चांदी की कीमत अगले एक साल में 60 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की उम्मीद है, जो मौजूदा स्तर से 20 फीसदी अधिक है. एमके वेल्थ मैनेजमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, कीमतों में ये उछाल आपूर्ति-मांग के बीच 20 फीसदी का अंतर और बढ़ती औद्योगिक मांग के कारण आएगा. इसने अनुमान लगाया है कि अमेरिका में अपेक्षित ब्याज दरों में कटौती से डॉलर में कुछ गिरावट आ सकती है, जिससे कीमतों में वृद्धि को और बढ़ावा मिलेगा.
दूसरे एसेट्स की तुलना में बेहतर रिटर्न
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने ने अब तक अन्य परिसंपत्तियों (एसेट्स) की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है, 8 अक्टूबर तक 61.82 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि भारतीय शेयरों (निफ्टी 500 टीआरआई) में 4.2 फीसदी और बॉन्ड (क्रिसिल शॉर्ट टर्म बॉन्ड इंडेक्स) में 8.4 फीसदी की वृद्धि हुई है.
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के उत्पाद प्रमुख आशीष रानावाडे ने कहा कि संस्थागत और केंद्रीय बैंकों द्वारा डॉलर की तुलना में सोने को दी जा रही बढ़ती प्राथमिकता कीमती धातुओं की मजबूती का एक प्रमुख कारण है. उन्होंने कहा, 'मांग-आपूर्ति की गतिशीलता चांदी की कीमतों में तेजी लाने के लिए अनुकूल है और यह तकनीकी रूप से ऑल-टाइम हाई के ब्रेकआउट क्षेत्र के करीब है.'
और कहां कितनी संभावना देख रही फर्म?
ब्रोकिंग फर्म ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार मौजूदा ग्रोथ की तुलना में महंगे बने हुए हैं, जहां निफ्टी 100 का पीई रेश्यो 21.8 गुना, निफ्टी मिडकैप 150 का पीई रेश्यो 33.6 गुना, निफ्टी स्मॉलकैप 250 का पीई रेश्यो 30.43 गुना और निफ्टी माइक्रोकैप 250 का पीई रेश्यो 28.88 गुना है.
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख डॉ. जोसेफ थॉमस ने कहा, 'संरचनात्मक रूप से, भारत के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक अलग पहचान बनाने की उम्मीद है. बड़ी संख्या में IPO ने भारतीय सूचकांकों से कहीं अधिक व्यापक बाजार बना दिया है. भारतीय निवेशकों के लिए स्टॉक-विशिष्ट अवसर अभी भी मौजूद हैं. हमें उम्मीद है कि पीएमएस, एआईएफ और एक्टिव फंड मैनेजर अच्छा प्रदर्शन करेंगे.'
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