भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 31 मई तक 651.5 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. इससे पिछले सप्ताह, यानी 24 मई को यह 646.67 अरब डॉलर पर था. इसके बाद से कुल कोष में 4.83 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई है.
इससे पहले 17 मई को विदेशी मुद्रा भंडार का सर्वकालिक उच्चतम स्तर 648.7 अरब अमेरिकी डॉलर था. विदेशी मुद्रा भंडार को किसी भी बाह्य क्षेत्र की गड़बड़ी को झेलने में अर्थव्यवस्था की समग्र ताकत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख कारकों में से एक माना जाता है. दास ने कहा कि देश का बाह्य क्षेत्र जुझारू बना हुआ है.
चालू खाते का घाटा (CAD), सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में बाह्य ऋण तथा शुद्ध अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति में सुधार का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रमुख बाह्य संकेतकों में सुधार जारी है. उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर हमें अपनी बाह्य वित्तपोषण आवश्यकताओं को आसानी से पूरा करने का विश्वास है..."
गवर्नर ने कहा कि वित्तवर्ष 2024-25 के लिए चालू खाते का घाटा अपने टिकाऊ स्तर के भीतर रहने की संभावना है. उन्होंने प्रेषित धन, सेवा निर्यात और कम व्यापार घाटे से आने वाली मदद का संकेत दिया.
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