
- डेलॉइट के ग्लोबल AI लीडर नितिन मित्तल ने कहा कि AI से नौकरी छिनने का डर नहीं बल्कि नए अवसर तलाशने चाहिए.
- नितिन मित्तल ने बताया कि दोहराव वाली नौकरियों पर AI असर डालेगा, रचनात्मक कार्यों में AI सहायक होगा.
- भारत को AI क्रांति में आगे बढ़ने के लिए बड़े पैमाने पर री-स्किलिंग और निवेश की आवश्यकता है.
NDTV वर्ल्ड समिट 2025 के मंच पर डेलॉइट के ग्लोबल AI लीडर नितिन मित्तल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के असर पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि लोगों को AI से अपनी नौकरी छिनने का डर नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसे अपनाकर नए अवसर तलाशने चाहिए.
नितिन मित्तल ने कहा, 'मैंने अब तक ऐसा एक भी मामला नहीं देखा जहां किसी की नौकरी AI की वजह से गई हो. असली फर्क उन नौकरियों पर पड़ता है जिन्हें इंसान सिर्फ दोहराव के आधार पर करता है. लेकिन जहां रचनात्मक सोच या क्यूरीसिटी है, वहां AI सिर्फ मदद करता है.'
NDTV वर्ल्ड समिट 2025 में नितिन मित्तल की कही 5 बड़ी बातें:
1. 'AI से नहीं, को-वर्कर्स से डरिए':नितिन मित्तल का दिलचस्प बयान
नितिन मित्तल ने मजाकिया लेकिन अहम बात कही 'AI से ज्यादा डर अपने को-वर्कर्स से रखिए, जो खुद को लगातार बेहतर बना रहे हैं.' उनका मतलब था कि इस दौर में जो लोग सीखना और बदलना बंद कर देते हैं, उनके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, लेकिन जो लगातार खुद को अपग्रेड कर रहे हैं, उनके लिए AI नई ऊंचाइयां खोल सकता है.
2. AI रिवॉल्यूशन के लिए री-स्किलिंग और इन्वेस्टमेंट की जरूरत
जब नितिन मित्तल से पूछा गया कि भारत कैसे सुनिश्चित करे कि वह AI रिवॉल्यूशन में सिर्फ बैक ऑफिस बनकर न रह जाए, तो उन्होंने कहा, 'भारत के पास एक नैचुरल एडवांटेज है क्योंकि हमारे यहां सर्विस इंडस्ट्री बहुत मजबूत है. हमें बस इसे आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर री-स्किलिंग और इन्वेस्टमेंट की जरूरत है.'
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के पास पहले से कई AI प्रोग्राम चल रहे हैं, लेकिन अब जिम्मेदारी समाज और उद्योग जगत की है कि वे इसे तेजी से आगे बढ़ाएं.
3. जॉब्स खत्म नहीं, नई स्किल्स की डिमांड बढ़ेगी
नितिन मित्तल ने कहा कि AI के आने से नौकरियां खत्म नहीं होंगी, बल्कि नई तरह की नौकरियां और स्किल्स की जरूरत बढ़ेगी. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कोडिंग इसका अच्छा उदाहरण है पहले मैन्युअल कोडिंग होती थी, अब AI की मदद से यह तेज और स्मार्ट हो गई है.उन्होंने बताया कि आने वाले समय में Agentic AI और Physical AI जैसे सिस्टम्स काम की प्रकृति को जरूर बदलेंगे, लेकिन ये बदलाव इंसान के लिए नए अवसर भी लेकर आएंगे.
4. भारत अपनी भाषा और संस्कृति बचाने के लिए Sovereign AI जरूरी
NDTV वर्ल्ड समिट में मित्तल ने Sovereign AI Models की जरूरत पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि अगर भारत अपनी भाषा, संस्कृति और डेटा को सुरक्षित रखना चाहता है, तो उसे अपने खुद के AI मॉडल्स पर काम करना होगा.मित्तल ने समझाया कि Sovereign AI सिर्फ डेटा कंट्रोल का मामला नहीं है, बल्कि यह इस बात से जुड़ा है कि भविष्य की टेक्नोलॉजी भारत की पहचान के साथ आगे बढ़े.
5. AI से डरने का नहीं, उसे दिशा देने का वक्त
डेलॉइट के ग्लोबल AI लीडर और WSJ के बेस्टसेलिंग ऑथर नितिन मित्तल ने कहा कि अब वक्त है कि हम AI को खतरे की नजर से नहीं, बल्कि एक इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन के मौके के रूप में देखें. उन्होंने कहा कि जो लोग AI के साथ चलना सीख लेंगे, वही आने वाले दशक के असली लीडर होंगे.
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