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8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग से बाहर होंगे ये कर्मचारी, देखिए लिस्ट में कहीं आपका विभाग भी तो नहीं

8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग में सैलरी हाइक फिटमेंट फैक्टर और भत्तों के आधार पर होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर  1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है. पढ़िए हर्ष कुमार की रिपोर्ट...

8th Pay Commission: जब से केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग यानी 8th Pay Commission के गठन को मंजूरी दी है, तब  से सरकारी कर्मचारियों के बीच ख़ुशी की लहर दौड़ गई है और सभी कर्मचारी ये उम्मींद लगाए बैठे हैं कि उनकी सैलरी में मोटा इज़ाफा होगा, हालांकि इस खुशी के माहौल के बीच एक खबर ऐसी भी है, जिससे कुछ कर्मचारियों के लिए ये दुःख की बात हो सकती है, यानी उनकी सैलरी नहीं बढ़ेगी, कैसे? आइए आपको बताते हैं...

किन कर्मचारियों की नहीं बढ़ेगी सैलरी? 

देश में अभी 7वां वेतन आयोग लागू है. ये आप सबको पता ही होगा. ये वेतन आयोग साल 2014 में गठित हुआ था और इसे साल 2016 में लागू किया गया था. आम तौर पर भारत में हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू होता है. अब 8वें वेतन आयोग के चलते जो भी कर्मचारी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSUs) या किसी ऑटोनॉमस बॉडी के कर्मचारी होते हैं या फिर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज होते हैं, वो Pay कमीशन के दायरे से बाहर होते हैं. आम भाषा में इन लोगों पर वेतन आयोग लागू नहीं होता और उनकी सैलरी इस वेतन आयोग के तहद नहीं बढ़ती. इनकी सैलरी और भत्तों के लिए नियम अलग होते हैं. यही वजह है कि 8वां वेतन आयोग इन लोगों पर लागू नहीं होगा.


8वें वेतन आयोग में कैसे बढ़ेगी आपकी सैलरी? 

8वें वेतन आयोग में सैलरी हाइक फिटमेंट फैक्टर और भत्तों के आधार पर होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर  1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है. यानी सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर सीधे 51000 हो जाएगी. हालांकि, ये अभी तय नहीं हुआ है कि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर क्या होगा. आप सोच रहे होंगे ये फिटमेंट फैक्टर आखिर होता क्या है, चलिए जानते हैं 

फिटमेंट फैक्टर क्या होता है? 

फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर होता है, जिसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को संशोधित यानी बढ़ाने या उसमें बदलाव करने के लिए किया जाता है. इसे मौजूदा बेसिक सैलरी पर लागू किया जाता है और इसके आधार पर नए वेतन की गणना की जाती है. आम भाषा में इसे एक उदाहरण से समझते हैं. उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 है और उसका फिटमेंट फैक्टर 2.50 है, तो उसकी कुल सैलरी 20,000 × 2.50 होकर 50,000 हो जाएगी.
 

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