केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि बजट (Budget 2019) देश के किसानों को समर्पित होगा, क्योंकि सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीसीएफआई) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में यहां कृषि मंत्री ने कहा, "गर्व की बात है कि विभिन्न कृषि परियोजनाओं के लागू होने से भारत कृषि क्षेत्र में अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो गया है." उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से इस क्षेत्र में बदलाव आया है और आगामी बजट किसानों को समर्पित होगा. उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने 2009-2014 के दौरा कृषि मंत्रालय का बजटीय आवंट 1.21 लाख करोड़ रुपये रखा था, जबकि मोदी ने इसे बढ़ाकर 2014-19 के दौरान 2.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया.
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इससे पहले भी सूत्रों का कहना था कि इस बजट में मोदी सरकार आम आदमी, यानी मध्यम वर्ग को खासी राहत दे सकती हैं. बताया जा रहा था कि चुनावी बजट होने के अलावा इस फैसले में इस सच्चाई का भी दखल है कि कुछ ही वक्त पहले BJP तीन अहम राज्यों में कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवा चुकी है, और अब उनके पास मध्यम वर्ग को साधने के अलावा ज़्यादा विकल्प शेष नहीं हैं. इसी उद्देश्य से कुछ ही दिन पहले अफरातफरी में केंद्र सरकार ने सवर्ण जातियों के आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में 10 फीसदी आरक्षण देने का विधेयक भी पारित करवाया था.
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सूत्रों के अनुसार, वित्तमंत्री इस बजट में करमुक्त आय की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर सकते हैं, जो मौजूदा समय में सिर्फ 2.5 लाख रुपये है. इसके अतिरिक्त इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80 सी के तहत निवेश पर दी जाने वाली करमुक्त आय की सीमा को भी 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जा सकता है, ताकि आठ लाख रुपये तक कमाने वालों को किसी तरह का टैक्स नहीं देना पड़े.
(इनपुट एजेंसी से)
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