प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में चल रही मोदी सरकार आज अपना अंतिम बजट पेश कर रही है. चुनाव से 2 महीने पहले पेश होने जा रहे इस अंतरिम बजट को लेकर माना जा रहा है कई लोकलुभावन घोषणाएं की जा सकती हैं. हालांकि विपक्ष के इस बात की भी आशंका है कि कहीं अंतरिम बजट के नाम पर कहीं मोदी सरकार 'चुनावी बजट' की घोषणा तो नहीं करने जा रही है. विपक्ष के नेताओं का कहना है कि सरकार को सिर्फ लेखानुदान पेश करना चाहिए क्योंकि बजट को पेश करने का अधिकार सिर्फ नई सरकार को होता है. बात करें साल 2014 की तो मोदी सरकार बनने के बाद जुलाई में मोदी सरकार ने बजट पेश किया था. जिसमें कई बड़ी योजनाओं की घोषणा की गई थी. जिसमें 100 स्मार्ट सिटी, पेट्रोलियम और खाद्य सब्सिडी में सुधार, 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ', स्वच्छ भारत अभियान जैसी योजनाएं शामिल हैं. इन योजनाओं के लागू होने और उनके असर की बात करें तो पूरे साढ़े चार साल में इन योजनाओं का स्वरूप मिला-जुला रहा है.
स्मार्ट सिटी योजना : इसे जून 2015 में लॉन्च किया गया था. जिसके तहत पूरे देश में 100 स्मार्ट सिटी बनाने का प्लान था. इस शहरी एवं आवास मंत्रालय से जारी डाटा को मानें तो इस योजना से जुड़े 5 हजार प्रोजेक्ट से शुरू होने हैं. जिसमें मात्र 534 प्रोजेक्ट ही पूरे किए जा सके हैं.
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डिजिटल इंडिया : यह मोदी सरकार की और बड़ी योजना थी. जिसे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पहले बजट में घोषणा की थी. नोटबंदी के फैसले के बाद डिजिटल लेनदेन काफी बढ़ा और लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं और सभी बैंकों ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम किया. गांवों और कस्बों में डिजिटल को बढ़ावा देने सरकार को काफी हद तक सफलता मिली है.
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एलपीजी सब्सिडी : सरकार ने 'पहल' योजना के तहत साल 2015 में शुरू की गई थी. इसमें एलजीपी धारकों को मिलने वाली सब्सिडी को सीधे खाते में देने की योजना शुरू की गई थी. इस योजना से एक बड़ी मात्रा में सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकने की कोशिश की गई और सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी हुई. एलपीजी के अलावा केरोसिन सब्सिडी के 'रिसाव' में भी सफलता मिली.
खाद्य सब्सिडी : मोदी सरकार ने नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट लेकर आई. (पहले की सरकार ने आंशिक रूप से 13 राज्यों में लागू किया गया). लेकिन इस योजना को मोदी सरकार ज्यादा परवान नहीं चढ़ा पाई.
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चार एम्स की स्थापना : मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के नागपुर में इसकी स्थापना की है. जबकि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और पश्चिम बंगाल में कल्याणी में इन बड़े अस्पतालों में काम नहीं शुरू हो पाया है. इसी तरह कई और संस्थान जिनकी घोषणा साल 2014 में की गई उस पर काम शुरू होना बाकी है.
5 आईआईटी : जम्मू, भिलाई, गोवा, तिरुपति और पलक्काड में इनकी स्थापना की जा चुकी है.
5 आईआईएम : हिमाचल प्रदेश, अमृतसर, बोधगया संबलपुर और नागपुर में आईआईएम की स्थापना शुरू की गई.
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दो कृषि और 2 बागबानी विश्वविद्यालयों की स्थापना : झांसी और इंफाल में कृषि विश्व विद्यालय बनाए गए. इसके अलावा करनाल और तेलंगाना में बागबानी विश्व विद्यालय स्थापना की जाएगी.
100 मोबाइल स्वाइल टेस्टिंग लैब की स्थापना की गई. किसान टीवी चैनल साल 2015 में शुरू किया गया.
नेशनल सेंटर फॉर एनिमेशन और गेमिंग एंड स्पेशल इफेक्ट की स्थापना नहीं हो पाई.
राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय : मध्य प्रदेश में अभी इसकी अस्थाई तौर पर शुरू किया गया है.
सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति की स्थापना लगाने की भी घोषणा की गई थी जिसका काम पूरा किया जा चुका है और उसे दर्शकों के लिए खोल दिया गया है.
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