विज्ञापन
This Article is From Feb 01, 2017

आज पेश होगा आम बजट, अरुण जेटली से इन मोर्चों पर राहत की उम्मीद

आज पेश होगा आम बजट, अरुण जेटली से इन मोर्चों पर राहत की उम्मीद
अरुण जेटली के लिए यह अबतक का सबसे चुनौतीपूर्ण बजट माना जा रहा है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को अपना चौथा बजट पेश करेंगे. यह उनके लिए अबतक का सबसे चुनौतीपूर्ण बजट माना जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि नोटबंदी से हुई परेशानी को दूर करने के लिए जेटली 2017-18 के बजट में कुछ टैक्स राहत तथा अन्य प्रोत्साहन दे सकते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सके. संसद में मंगलवार को प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा में नोटबंदी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए न केवल व्यक्तिगत आयकर की दरों में कटौती की जरूरत, बल्कि कंपनी कर में कमी लाने की योजना को तेजी से लागू करने की सिफारिश की गई है. समीक्षा में सभी तरह की उंची कमाई करने वालों को कर दायरे में लाने पर जोर दिया गया है.

उद्योग जगत ने कहा है कि आर्थिक समीक्षा में देश के समक्ष मौजूदा चुनौतियों का सही ढंग से आकलन किया गया है और यह एक साहसी और सुधारात्मक बजट का संकेत देती है. इसके साथ ही उद्योग जगत के दिग्गजों का मानना है कि 2017-18 के लिए अनुमानित 6.75-7.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर को हासिल कर लिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि संसद में मंगलवार को पेश वर्ष 2016-17 की आर्थिक समीक्षा में नोटबंदी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए न केवल व्यक्तिगत आयकर की दरों में कटौती की जरूरत, बल्कि कंपनी कर में कमी लाने की योजना को तेजी से लागू करने की सिफारिश की गई है.

वित्त मंत्री 'फील गुड' का वातावरण पैदा करने के लिए लोगों के हाथ में अधिक पैसा देना चाहेंगे. इससे मांग और आपूर्ति श्रृंखला तथा ऋण वृद्धि पर पड़े प्रतिकूल असर को कम किया जा सकेगा. साथ ही होम लोन पर दिए गए ब्याज पर कटौती की सीमा को दो लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर सकते हैं. साथ ही चिकित्सा के लिए भी अधिक छूट दी जा सकती है.

हालांकि, कॉरपोरेट कर की दर को 30 प्रतिशत से नीचे लाना आसान नहीं होगा क्योंकि सरकार के चालू वित्त वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद की 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान में नोटबंदी से पैदा हुए दिक्कतों को शामिल नहीं किया गया है. चालू वित्त वर्ष के लिए राजस्व संग्रहण लक्ष्य के पार जा सकता है, लेकिन इसमें संदेह है कि जेटली 2017-18 में कर प्राप्तियों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि का अनुमान लगाएंगे. इसके अलावा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भी उनको चिंतित कर रही हैं. ऐसे में उनके पास सामाजिक और बुनियादी ढांचा योजनाओं में कुछ बड़ा करने की गुंजाइश कम है.

वित्त मंत्री बजट में किसानों और ग्रामीण भारत के अलावा महिलाओं, सामाजिक सुरक्षा क्षेत्रों मसलन स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर विशेष ध्यान देंगे. कृषि के अलावा जेटली घरेलू विनिर्माण तथा स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहन के लिए भी योजनाओं की घोषणा करेंगे. कर विशेषज्ञों तथा अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जेटली प्रस्तावित जीएसटी प्रणाली को लागू करने की तैयारी के बीच सेवा कर की दर को बढ़ा सकते हैं जो इस समय 15 प्रतिशत है. (इनपुट एजेंसियों से)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
आम बजट 2017-18, बजट 2017-18, अरुण जेटली, आयकर, इनकम टैक्स, बजट घोषणाएं, Union Budget 2017, Arun Jaitley, Income Tax, Budget2017InHindi, Budget Announcements