बजट 2017 में रेल के किरायों में बढ़ोतरी संभव... (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अगले आम बजट में रेल के किरायों में बढ़ोतरी हो सकती है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिए हैं कि अगले बजट में रेलवे के लिए कोई लोकलुभावन कदम नहीं उठाए जाएंगे. अगले वित्तीय वर्ष में रेल बजट का विलय आम बजट में हो जाएगा. आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाना है.
भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा यहां भारतीय रेल लेखा सुधार पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में जेटली ने कहा, "पूरी दुनिया में वह संगठन सफल है जो एक वित्तीय मॉडल का अनुसरण करता है जहां ग्राहक उन सेवाओं के लिए भुगतान करते हैं, जिसका वे उपभोग करते हैं."
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उन्होंने कहा कि लोकलुभावन का मतलब है कि ग्राहकों को उन सेवाओं के लिए भुगतान करने की जरूरत नहीं है, जिसका वे उपभोग करते हैं, लेकिन यह सिद्धांत नहीं है जिस पर सबसे बड़ा परिवहन संचालक काम कर सकता है. अरुण जेटली ने कहा, "हम एक सेवा संगठन के रूप में रेलवे को बनाना चाहते हैं जो व्यावसायिक रूप से अपने बल पर चलने लायक है और विश्वस्तरीय गुणवत्ता और मूलभूत ढांचा भी उपलब्ध कराता है."
जेटली ने कहा कि परिवहन के अन्य माध्यमों के साथ प्रतियोगिता में पिछड़ने झलक भारतीय रेलवे की लेखा पुस्तिकाओं में मिलती है. उन्होंने कहा, "इसी दबाव के कारण रेलवे चाहता था कि वित्त मंत्रालय उसके बजट का अधिग्रहण कर ले." इस साल के शुरू में सरकार ने 92 साल पुरानी प्रथा का अंत करते हुए रेल बजट के आम बजट के साथ विलय की घोषण की थी. रेलवे लेखा सेवा में सुधार पर जेटली ने कहा इनमें यह प्रतिबिंबित होना चाहिए कि वास्तविक निवेश किया जा रहा है. साल 2019 से रेलवे निवेश और लागत के ज्यादा सटीक आकलन के लिए उपार्जन आधारित लेखा विधि अपनाना चाहता है.
रेलवे से कहा गया है कि वह शेष 75 प्रतिशत संसाधन खुद जुटाए.
बता दें कि पिछले दिनों वित्त मंत्रालय ने रेलवे के विशेष सुरक्षा कोष के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. प्रस्ताव के अनुसार ट्रैक को बेहतर करने तथा सिग्नल प्रणाली के उन्नयन तथा मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्त करने तथा अन्य सुरक्षा संबंधी उपायों के लिए कोष जुटाने को सुरक्षा उपकर लगाया जाना था.
इससे पहले रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर विभिन्न सुरक्षा कार्यों के लिए विशेष राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष बनाने को 1,19,183 करोड़ रुपये आवंटित करने की मांग की थी. वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए रेलवे से कहा कि वह किराया बढ़ाकर संसाधन जुटाए. सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने इस कोष का सिर्फ 25 प्रतिशत उपलब्ध कराने की सहमति दी है. रेलवे से कहा गया है कि वह शेष 75 प्रतिशत संसाधन खुद जुटाए.
(न्यूज एजेंसी आईएएनएस से भी)
भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा यहां भारतीय रेल लेखा सुधार पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में जेटली ने कहा, "पूरी दुनिया में वह संगठन सफल है जो एक वित्तीय मॉडल का अनुसरण करता है जहां ग्राहक उन सेवाओं के लिए भुगतान करते हैं, जिसका वे उपभोग करते हैं."
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जेटली ने कहा कि परिवहन के अन्य माध्यमों के साथ प्रतियोगिता में पिछड़ने झलक भारतीय रेलवे की लेखा पुस्तिकाओं में मिलती है. उन्होंने कहा, "इसी दबाव के कारण रेलवे चाहता था कि वित्त मंत्रालय उसके बजट का अधिग्रहण कर ले." इस साल के शुरू में सरकार ने 92 साल पुरानी प्रथा का अंत करते हुए रेल बजट के आम बजट के साथ विलय की घोषण की थी. रेलवे लेखा सेवा में सुधार पर जेटली ने कहा इनमें यह प्रतिबिंबित होना चाहिए कि वास्तविक निवेश किया जा रहा है. साल 2019 से रेलवे निवेश और लागत के ज्यादा सटीक आकलन के लिए उपार्जन आधारित लेखा विधि अपनाना चाहता है.
रेलवे से कहा गया है कि वह शेष 75 प्रतिशत संसाधन खुद जुटाए.
बता दें कि पिछले दिनों वित्त मंत्रालय ने रेलवे के विशेष सुरक्षा कोष के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. प्रस्ताव के अनुसार ट्रैक को बेहतर करने तथा सिग्नल प्रणाली के उन्नयन तथा मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को समाप्त करने तथा अन्य सुरक्षा संबंधी उपायों के लिए कोष जुटाने को सुरक्षा उपकर लगाया जाना था.
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(न्यूज एजेंसी आईएएनएस से भी)
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