अरुण जेटली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बजट निर्माण में जनता की भागीदारी प्रोत्साहित करने और बेहतर पारदर्शिता के लिये वित्त मंत्रालय ने 2017-18 के आम बजट के लिये आम जनता से सुझाव मांगे हैं.
आम बजट के लिये लोग 15 दिसंबर तक अपने सुझाव सौंप सकते हैं. केन्द्र सरकार के पोर्टल ‘माईगॉव’ में डाले गये पोस्ट में कहा गया है, ‘जन भागीदारी को प्रोत्साहन देते हुए बजट निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिये हर वर्ग के नागरिक का स्वागत है.’ इसमें कहा गया है कि लोग या तो संबंधित बॉक्स में सीधे अपने सुझाव भेज सकते हैं या फिर पीडीएफ फाइल को अटैच कर सकते हैं. पिछले दो साल से नियमित रूप से इस पर लोगों से सुझाव मांगे जा रहे हैं.
पोर्टल पर कहा गया है, 'पिछले साल हमें इसकी काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली. केन्द्रीय और रेल बजट के लिये 40,000 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए. ‘माई गॉव’ पोर्टल पर मिले कई सुझावों को पिछले साल के बजट में शामिल भी किया गया.' इसमें कहा गया है कि उर्वरक के लिये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना की घोषणा, अलग सिंचाई कोष बनाना, दालों के लिये मूल्य स्थिरीकरण कोष और विशेष कृषि उपकर की शुरुआत कुछ ऐसे सुझाव थे जिन्हें इस साल के बजट में शामिल किया गया.
अगले साल का आम बजट एक फरवरी को पेश होने की उम्मीद है. इसके साथ ही वित्त मंत्रालय ने बजट की तैयारियों को देखते हुये एक दिसंबर से वित्त मंत्रालय में मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर रोक लगाने की भी जानकारी दी है.
आम बजट के लिये लोग 15 दिसंबर तक अपने सुझाव सौंप सकते हैं. केन्द्र सरकार के पोर्टल ‘माईगॉव’ में डाले गये पोस्ट में कहा गया है, ‘जन भागीदारी को प्रोत्साहन देते हुए बजट निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिये हर वर्ग के नागरिक का स्वागत है.’ इसमें कहा गया है कि लोग या तो संबंधित बॉक्स में सीधे अपने सुझाव भेज सकते हैं या फिर पीडीएफ फाइल को अटैच कर सकते हैं. पिछले दो साल से नियमित रूप से इस पर लोगों से सुझाव मांगे जा रहे हैं.
पोर्टल पर कहा गया है, 'पिछले साल हमें इसकी काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली. केन्द्रीय और रेल बजट के लिये 40,000 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए. ‘माई गॉव’ पोर्टल पर मिले कई सुझावों को पिछले साल के बजट में शामिल भी किया गया.' इसमें कहा गया है कि उर्वरक के लिये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना की घोषणा, अलग सिंचाई कोष बनाना, दालों के लिये मूल्य स्थिरीकरण कोष और विशेष कृषि उपकर की शुरुआत कुछ ऐसे सुझाव थे जिन्हें इस साल के बजट में शामिल किया गया.
अगले साल का आम बजट एक फरवरी को पेश होने की उम्मीद है. इसके साथ ही वित्त मंत्रालय ने बजट की तैयारियों को देखते हुये एक दिसंबर से वित्त मंत्रालय में मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर रोक लगाने की भी जानकारी दी है.
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