प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
बजट से पहले भारतीय होटल एवं रेस्तरां संघों के महासंध (एफएचआरएआई) ने सरकार से करों को तर्कसंगत बनाने तथा नीतियों में संशोधन की मांग की है जिससे पर्यटन उद्योग के साथ तालमेल बैठाया जा सके।
पर्यटन मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को सौंपे गए बजट पूर्व ज्ञापन में एसोसिएशन ने जीएसटी, पूंजीगत सामान निर्यात संवर्धन (ईपीसीजी) योजना के उपयोग, भारत से सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस) के बिना वर्गीकरण जरूरत और करमुक्त ‘हॉस्पिटैलिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड्स’ की मांग की है।
एफएचआरएआई के अध्यक्ष भरत मल्कानी ने कहा कि पिछले कुछ साल से आतिथ्य उद्योग संकट झेल रहा है। हालांकि, अब सरकार पर्यटन विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे आतिथ्य क्षेत्र के लिए हालात सुधर सकते हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पर्यटन मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को सौंपे गए बजट पूर्व ज्ञापन में एसोसिएशन ने जीएसटी, पूंजीगत सामान निर्यात संवर्धन (ईपीसीजी) योजना के उपयोग, भारत से सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस) के बिना वर्गीकरण जरूरत और करमुक्त ‘हॉस्पिटैलिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड्स’ की मांग की है।
एफएचआरएआई के अध्यक्ष भरत मल्कानी ने कहा कि पिछले कुछ साल से आतिथ्य उद्योग संकट झेल रहा है। हालांकि, अब सरकार पर्यटन विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे आतिथ्य क्षेत्र के लिए हालात सुधर सकते हैं।
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